Digvijay Singh EVM Allegation: मध्य प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बन गई है और अब कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह का बयान आया है. उन्होंने एक बड़ा दावा किया है.
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Digvijay Singh EVM Allegation: मध्य प्रदेश में बीजेपी की जबरदस्त जीत हुई है और उसकी प्रतिद्वंदि पार्टी माने जाने वाली कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद पार्टी के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह का बयान आया है और उन्होंने कांग्रेस की हार का जिम्मेदार ईवीएम को बताया है. दिग्विजय ने कहा है कि जब तक बैलेट पेपर से गिनती हो रही थी तो उनकी पार्टी 199 सीटों से बढ़त पर थी, लेकिन ईवीएम वोटों की गिनती में कांग्रेस पिछड़ गई. उन्होंने आगे कहा कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है.
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से अपील की है, बता दें रविवार को चार राज्यों मे विधानसभा चुनावों के नतीजों का ऐलान किया था. जिसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस को बेहतरीन जीत मिली है.
सोशल मीडिया पर दिग्विजय सिंह ने लिखा,"चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है. मैंने 2003 से ही ईवीएम के जरिए मतदान का विरोध किया था. क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा नियंत्रित करने की अनुमति दे सकते हैं! यह मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा. माननीय ईसीआई और माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?"
सोशल मीडिया पर उन्होंने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,"तस्वीरों के आंकड़ों में एक प्रमाण है जो यह बताता है कि पोस्टल बैलेट के ज़रिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है. जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका. यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है.
हमें गर्व है कि हमारे ज़मीनी कार्यकर्ताओं ने जी जान से कांग्रेस के लिए काम किया और लोकतंत्र के प्रति अपने विश्वास को पुख़्ता किया."
ज्ञात हो कि विपक्ष हमेशा से ईवीएम से चुनाव कराने का विरोध करता आया है. इससे पहले चुनावों में भी कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने ईवीएम के जरिए वोटिंग करने का विरोध किया था. लोकसभा चुनावों में भी कई लोगों ने ईवीएम पर सवालिया निशान खड़ा किया था और दावा किया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को आसानी से हैक किया जा सकता है.