Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें जान से मारने के साजिश हो रही थी लेकिन वह बच गईं. बांग्लादेश ने हसीना को भारत से वापस भेजने की गुजारिश की लेकिन भारत ने उनका प्रत्यर्पण नहीं किया.
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Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने संगीन इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनके सत्ता से बेदखल होने के बाद उनकी और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना के कत्ल की प्लानिंग थी. हसीना ने एक ऑडियो में इस बात की जानकारी दी. ये ऑडिया बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया गया है. उन्होंने कहा कि हम साजिश का शिकार नहीं हो पाए और बच गए.
बांग्लादेश में हंगामा
बांग्लादेश में साल 2024 में छात्रों ने रिजर्वेशन को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. बड़े पैमाने पर हिंसा हुई. इस हिंसा में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इसके बाद शेख हसीना को अपने पद से हटना पड़ा. शेख हसीना भारत आ गईं. हसीना के मुताबिक अगर वह 20-25 और वहां रुक जाती तो उनके साथ कुछ भी हो सकता था. अब बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार है.
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अल्लाह की मर्जी से बच गई
शेख हसीना ने कहा कि "अल्लाह की मर्जी थी कि मैं बच गई. एक बार नहीं बल्कि कई बार उनके खिलाफ जान से मारने की साजिशें रची गई थीं. 21 अगस्त का ग्रेनेड से हमला, कोटालीपारा में बम की साजिश इसके बाद अभी भी हम पर खतरा बना हुआ है." उन्होंने आगे कहा कि "ये सिर्फ अल्लाह का रहम है कि मैं आज जिंदा हूं. आज मैं अपने देश में नहीं हूं, अपने घर से बहुत दूर हूं. वहां सब कुछ जल गया है. 21 अगस्त 2004 को बंगबंधु एवेन्यू पर अवामी लीग की ओर से आयोजित की गई आतंकवाद विरोधी रैली में ये हमला हुआ था."
शेख हसीना नहीं गई अपने देश
आपको बता दें कि बांग्लादेश की सरकार ने भारत से शेख हसीना की वापसी चाही. बांग्लादेश सरकार में विदेश मंत्रालय के सलाहकार डॉ तौहद हुसैन ने 23 दिसंबर को भारत से ये मांग रखी. उन्होंने भारत सरकार से कहा कि लीगल प्रोसेस के लिए हसीना का प्रत्यर्पण चाहते हैं. हसीना पर नरसंहार के इल्जाम हैं. लेकिन भारत सरकार ने हसीना को अपने देश वापस नहीं भेजा. भारत सरकार ने हसीना का वीजा बढ़ाने का फैसला किया.