Azam Khan: आजम खान के घर आयकर विभाग की छापेमारी खत्म हो चुकी है. उनके घर से तमाम अधिकारी और सुरक्षाकर्मी निकल चुके हैं. पूरे कार्रवाई को ऑपरेशन 'D' नाम दिया गया था.
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Azam Khan: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के घर आयकर विभाग की छापेमारी खत्म हो चुकी है. उनके घर से तमाम अधिकारी और सुरक्षाकर्मी निकल चुके हैं. आजम खान के घर तीन दिनों तक आयकर विभाग की छापेमारी चली है. आयकर विभाग के अधिकारियों ने मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से जुड़े लेन-देन की जानकारी ली है.
60 घंटे तक चली पूछताछ
इसके साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों ने आजम खान की संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई है. इस दौरान अधिकारियों ने आजम खान, उनकी बीवी तंजीन फातिमा, उनके बेटों अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम से भी पूछताछ की है. 60 घंटे चली पुछताछ में क्या कुछ मिला, इसके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ पाई है.
ऑपरेशन 'D' दिया गया था नाम
इस पूरे कार्रवाई को ऑपरेशन 'D' नाम दिया गया था. रामपुर में पांच जगह पर आयकर विभाग की टीम पिछले तीन दिनों से छापेमारी की करवाई कर रही थी, जो अब खत्म हो चुकी है. आयकर विभाग के अधिकारियों को आजम खान खुद छोड़ने आए थे, हालांकि वे मीडिया से बिना पूरी बात किए घर में चले गए.
विधायक आकाश सक्सेना ने सीएम से की थी शिकायत
वहीं दूसरी तरफ रामपुर के जिला सरकारी बैंक के सचिव उपेंद्र कुमार सारस्वत और महाप्रबंधक शकील अमहम को सहकारिता विभाग ने निलंबित कर दिया है. दोनों पर आजम खान के मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को ब्याज के रूप में नियम के खिलाफ देने का इल्जाम है. इसकी शिकायत कुछ दिनों पहले रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी.
सपा प्रमुख ने किया ट्वीट
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज तीन दिन बाद जाकर आजम खान साहब के यहां छापे खत्म हुए या कहिए जुल्म की दास्ताँ की एक और कहानी, लोगों को समझ आ रहा है, जो उनके साथ हो रहा है वो किसी के साथ भी हो सकता है. जो हुक्मरान ये सोच रहे हैं कि जुल्म से वो जीत जाएंगे तो उन्हें ये भी समझ लेना चाहिए कि हिंदुस्तान वो नायाब मुल्क है जो दुश्मन के साथ भी नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं करता और वक्त आने पर सच का ही साथ देता है. हर मजहब से ऊपर उठकर सच्चे मनवालों की एकता और अमन की ताकत ही आखिर में जीतती रही है और आगे भी जीतती रहेगी. वक्त नहीं लगता वक्त के बदल जाने में और तख्त के पलट जाने में!"
आज तीन दिन बाद जाकर आज़म ख़ान साहब के यहाँ छापे ख़त्म हुए या कहिए ज़ुल्म की दास्ताँ की एक और कहानी।अवाम को समझ आ रहा है, जो उनके साथ हो रहा है वो किसी के साथ भी हो सकता है। जो हुक्मरान ये सोच रहे हैं कि ज़ुल्म से वो जीत जाएंगे तो उन्हें ये भी समझ लेना चाहिए कि हिंदुस्तान वो नायाब…
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