"दलितों से ‘गुलामों’ जैसा सुलूक, पुरोहित नहीं खाते हमारा खाना", BJP बोली- टोपी पहन लें माझी
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"दलितों से ‘गुलामों’ जैसा सुलूक, पुरोहित नहीं खाते हमारा खाना", BJP बोली- टोपी पहन लें माझी

Jitan Manjhi stokes fresh controversy over Dalit and Hinutava: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के सद्र जीतन राम मांझी ने शनिवार दलितों और हिंदुओं को लेकर ऐसा बयान दिया है जिससे विवाद पैदा हो गया है. दिया है. भाजपा ने इस पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इल्जाम लगाया है.  

अलामती तस्वीर

पटनाः बिहार के साबिक वजीर-ए-आला जीतन राम मांझी ने शनिवार को अपने एक बयान से विवाद पैदा कर दिया है. मांझी ने दावा किया है कि हिंदू समाज दलितों के साथ ‘गुलामों’ की तरह सुलूक करता है, खासकर पुरोहित वर्ग उन्हें आज भी अछूत मानता है. मांझी के इस बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इल्जाम लगाया है. मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सद्र हैं, जो प्रदेश में सत्ताधारी ‘महागठबंधन’ का हिस्सा है. मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी की जीत का अंदाजा लगाते हुए मांझी ने यह बयान दिया है. इन दोनों सीट पर उपचुनाव के नतीजे इतवार को आएंगे. 
मांझी ने दावा किया है कि दोनों सीटों पर दलितों ने बड़ी तादाद में सात दलों के महागठबंधन की हिमययत में वोट किया है. 

दलितों को गुलाम समझकर सुलूक किया गया है 
क्या भाजपा ‘हिंदुत्व कार्ड’ खेलकर दलित वोटों में सेंध लगाने में कामयाब रही है, इस सवाल पर मांझी ने कहा, ‘‘मैं दलितों से कहता रहा हूं कि आप खुद को हिंदू समझते हैं, लेकिन पिछले 75 सालों से आपको गुलाम समझकर सुलूक किया गया है. पुरोहित वर्ग आपके घर पर पूजा-पाठ करने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है. अगर अनुष्ठान कर भी देते हैं, तो आपका दिया गया भोजन कबूल नहीं करते हैं. हालांकि, बहुत से ऐसे ब्राह्मण हैं जो गोश्त खाते हैं और शराब भी पीते हैं.’’ 

मांझी को अपनी धार्मिक पहचान साफ करनी चाहिए 
खुद को आंबेडकर का फॉलोअर बताने वाले मांझी इस तरह के बयान पहले भी कई बार दे चुके हैं. इस बीच भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा कि जीतन राम मांझी एक सम्मानित और बुजुर्ग नेता हैं, और उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए जिससे हिंदुओं की बेइज्जती हो और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचे. आनंद ने कहा, ‘‘ अगर मांझी खुद को हिंदू नहीं समझते तो उन्हें अपनी धार्मिक पहचान साफ करनी चाहिए. अगर तिलक लगाने से उन्हें परेशानी होती है, तो क्या वह सिर पर टोपी लगाएंगे ?’’ 

गौरतलब है कि मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के साथ एकजुटता दिखाते हुए ‘महागठबंधन’ में शामिल हुए थे. जद-यू ने इस साल की शुरुआत में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया था.

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