बिहार: चौथे चरण की चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प, NDA को इन सीटों पर महागठबंधन से मिलेगी कड़ी चुनौती
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बिहार: चौथे चरण की चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प, NDA को इन सीटों पर महागठबंधन से मिलेगी कड़ी चुनौती

Bihar Lok Sabha Elections 2024: आम चुनाव 2024 के चौथे चरण में बिहार की पांच सीटों पर वोटिंग होगी. इन सीटों पर एनडीए और "इंडिया" गठबंधन में सीधी टक्कर है. इन में से तीन सीटों पर भाजपा का एक दशक से कब्जा है, लेकिन इस बार महागबंधन से कड़ी चुनौती मिलती हुई दिख रही है. 

बिहार: चौथे चरण की चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प, NDA को इन सीटों पर महागठबंधन से मिलेगी कड़ी चुनौती

Bihar Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे फेज में बिहार की पांच सीटों पर वोटिंग होगी. इन पांच सीटों को लेकर दोनों गठबंधनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.  इस फेज में नीतीश कुमार की पार्टी JDU और BJP के सामने अपनी सीटों को बरकरार रखने की चुनौती है, जिनमें से तीन सीटों पर एक दशक से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है.

चौथे फेज में बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, उजियारपुर और मुंगेर संसदीय क्षेत्र के मतदाता 13 मई को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इस फेज में होने वाले चुनाव में बेगूसराय सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं. यहां से एनडीए ने मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह का महागठबंधन के अवधेश राय से सीधा मुकाबला है.  इस सीट पर पिछले 10 सालों से भाजपा का कब्जा है.  भाजपा ने पिछले दो आम चुनावों 2014 और 2019 में यहां से अपने उम्मीदवार जरूर बदले, लेकिन अपना कब्जा बरकरार रखा.

साल 2014 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर भोला सिंह को जीत दर्ज की थी, जबकि 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने यहां से भोला सिंह की जगह गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा. गिरिराज सिंह भाजपा के इस किले बचाने में सफल रहे. इस किले को बचाने के लिए फिर से गिरिराज को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

वहीं, उजियारपुर सीट से भी लगातार चुनावों से भाजपा के कैंडिडेट ही जीत रहे हैं. यहां से भाजपा के कद्दावर नेता नित्यानंद राय साल 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. इसके बाद साल 2019 में भी भाजपा ने नित्यानंद राय को मौका दिया और वह किला बचाने में सफल रहे. अब तीसरी बार नित्यानंद राय इस सीट से  चुनाव में मैदान में हैं, जहां उनका टक्कर राजद के आलोक मेहता से है.

दरभंगा लोकसभा सीट से भी 2014 और 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी. 2014 के चुनाव में यहां से बीजेपी के टिकट पर पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने परचम लहराया था, लेकिन भजपा ने 2019 में यहां से गोपालजी ठाकुर टिकट दिया. गोपाल जी ठाकुर भी ने भी इस सीट से जीत दर्ज की. अब भाजपा ने इस चुनाव में एक बार फिर गोपालजी ठाकुर पर दांव खेला है. ठाकुर का मुकाबला महागठबंधन प्रत्याशी ललित यादव से है. इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट राजद के खाते में आई है.

BJP को इन सीटों पर जीत बरकरार रखने की चुनौती 

बेगूसराय,  दरभंगा और उजियारपुर लोकसभा सीट पर BJP के सामने अपनी जीत बरकरार रखने की चुनौती होगी. वहीं, मुंगेर सीट से जदयू के पूर्व चेयरमैन ललन सिंह को किला बचाए रखना प्रतिष्ठा का प्रश्‍न बन गया है. पिछले चुनाव में यहां से ललन सिंह ने बड़ी जीत हासिल की थी. उसके पहले साल 2014 में भी यह सीट एनडीए के कब्जे में थी. हालांकि लोजपा के टिकट पर वीणा देवी को यहां से जीत मिली थी. इस चुनाव में ललन सिंह का मुकाबला राजद की अनिता देवी से है.

समस्तीपुर में मुकाबला दिलचस्प 

वहीं, समस्तीपुर सीट भी एनडीए के लिए काफी चुनौती बनी हुई है. समस्तीपुर में इस बार लोजपा (रामिवलास) ने नीतीश कुमार सबसे करीबी अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव  2019 में इस सीट से लोजपा प्रत्याशी के रूप में रामचंद्र पासवान की जीत हुई थी. लेकिन उनके इंतकाल के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे प्रिंस राज यहां से जीत दर्ज की. इस चुनाव में शांभवी का मुकाबला कांग्रेस के सन्नी हजारी से है. 

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