Syria Civil War: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद विद्रोही गुट काबिज हो गया है. विद्रोही गुट देश में जश्न मना रहे हैं. हालात को देखते हुए शनिवार को ही भारत ने अपने नागरिकों को तुरंत सीरिया छोड़ने की सलाह दी थी और अब राजधानी दमिश्क से भारतीय नागरिकों से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है.
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Syria Civil War: सीरिया में तख्तापलट में हो चुका है और राष्ट्रपति बशर अल-असद के करीब 25 साल के शासन का भी अंत हो गया. राजधानी दमिश्क पर मुल्क का सबसे ताकतवर विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने कब्जा कर लिया है. बशर अल-असद मुल्क छोड़ फरार हो गए हैं. दमिश्क समेत देश के कई बड़े शहरों में विद्रोहियों के कब्जे हैं. राजधानी में स्थिति बेहद खराब है और दमिश्क की सड़कों पर विद्रोहियों के ही तोपों और टैंकों की आवाज गूंज रही है.
सीरिया में भारत के सभी नागरिक सुरक्षित: सूत्र
इस बीच, सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को लेकर भारत सरकार की तरफ से बयान आया है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सीरिया में सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं. सूत्रों ने कहा कि दमिश्क में इंडियन एंबेसी अभी भी काम कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दूतावास सभी भारतीय नागरिकों के कॉन्टैक्ट में है और वे सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि एंबेसी सीरिया में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए मौजूद है.
भारत के 90 लोग हैं सीरिया में
आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, सीरिया में करीब 90 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 14 ऐसे हैं जो यूनाइटेड नेशन के अलग-अलग संगठनों में काम कर रहे हैं. एक सूत्र ने कहा, "हमारा एंबेसी सीरिया के दमिश्क में काम करना जारी रखे हुए है. दूतावास सभी भारतीय नागरिकों के कॉन्टैक्ट में है और वे सुरक्षित हैं."
असद के 50 साल के सत्ता हुआ अंत
सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के घुसने और प्रेसिडेंट बशर-अल असद के मुल्क छोड़कर भागने संबंधी दावों के बीच सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का भी अंत हो गया. विद्रोहियों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया और खुशी में हवा में गोलियां भी चलाईं.
बशर अल-असद ने 25 साल पहले सीरिया की सत्ता संभाली थी. असद ने साल 2000 में अपने पिता हाफिज अल-असद की मौत के बाद सीरिया की कमान संभाली थी. उनके पिता हाफिज असद 1971 से देश पर शासन कर रहे थे.