Waqf Amendment Bill 2024: बजट सेशन तक कार्यकाल बढ़ने के बाद संसद की ज्वाइंट कमेटी वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पर गुरुवार को पहली बैठक की.इस बैठक के बाद कमेटी ने लेटर लिखकर राज्य सरकारों से विवादित वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा है.
Trending Photos
Waqf Amendment Bill: वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पर चर्चा कर रही संसद की ज्वाइंट कमेटी ने राज्य सरकारों को लेटर लिखकर उनके अधिकार क्षेत्र की विवादित वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा है. इस बिल पर ज्वाइंट कमेटी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने गुरुवार को यहां कमेटी की बैठक के बाद यह जानकारी दी. बजट सेशन तक कार्यकाल बढ़ने के बाद कमेटी की यह पहली बैठक थी.
बैठक के बाद बीजेपी नेता पाल ने कहा, "कमेटी का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद यह पहली बैठक थी. आज अल्पसंख्यक मंत्रालय और विधि मंत्रालय के प्रतिनिधि आए थे जिनसे हमारे मेंबरों ने कुछ सवाल किए. अफसरों द्वारा समिति के सवालों के जवाब 887 पन्नों में दिए गए हैं."
"मंत्रालयों द्वारा सौंपे गए जवाबों को गलत तरीके से तैयार"
वहीं, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की तरफ से संशोधनों से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए गए हैं. कमेटी के एक मेंबर ने दावा किया कि मंत्रालयों द्वारा सौंपे गए जवाबों को खराब तरीके से तैयार किया गया है और अपोजिशन अगले कुछ दिनों में उन पर सफाई मांगेगा.
उन्होंने कहा कि राज्यों में विवादित संपत्तियों के बारे में राज्यों के चीफ सेक्रेटरी से जवाब मांगा गया है और जरूरत पड़ने पर अफसरों को कमेटी के समक्ष बुलाया जा सकता है. पाल ने कहा कि संसदीय कमेटी ने उन वक्फ संपत्तियों पर सच्चर कमेटी द्वारा उठाए गए बिंदुओं के बारे में ताज़ा जानकारी प्राप्त करने का फैसला लिया है, जो कथित तौर पर राज्य सरकारों या उनकी ऑफिशियल एजेंसियों के अनधिकृत कब्जे में हैं.
11 या 12 दिसंबर को हो सकती है अगली बैठक
बिल पर चर्चा करने के लिए ज्वाइंट कमेटी की अगली बैठक 11 या 12 दिसंबर को बुलाई जा सकती है. लोकसभा ने बीते 28 नवंबर को इस कमेटी का कार्यकाल अगले साल बजट सेशन के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाने को मंजूरी दी थी. कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने वक्फ (अमेंडमेंट) बिल संबंधी संसद की ज्वाइंट केटी का रिपोर्ट प्रस्तुत करने का वक्त बजट सेशन, 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया.
8 अगस्त को लोकसभा में पेश हुआ था बिल
सरकार ने वक्फ बोर्ड को कंट्रोल करने वाले कानून में अमेंडमेंट से संबंधित बिल इसी साल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था जिसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और चर्चा के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद की संयुक्त समिति में चर्चा के लिए भेज दिया था.