बंबई HC का बड़ा फैसला, बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी पर रोक लगाने से किया इनकार
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2292012

बंबई HC का बड़ा फैसला, बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी पर रोक लगाने से किया इनकार

Bakrid 2024: बंबई हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को बकरीद के दौरान मुंबई में पशुओं की कुर्बानी करने की इजाजत देने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. पशुओं के संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन ‘जीव मैत्री ट्रस्ट’ ने  पीटिशन दायर की थी.

बंबई HC का बड़ा फैसला, बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी पर रोक लगाने से किया इनकार

Bakrid 2024: बंबई हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को बकरीद के दौरान मुंबई में पशुओं की कुर्बानी करने की इजाजत देने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जस्टिस एम एस सोनक और न्यायमूर्ति कमल खता की बेंच ने जीव मैत्री ट्रस्ट और अनूप कुमार रज्जन पाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पर्व से कुछ दिन पहले याचिकाकर्ता को कोई राहत देना उचित नहीं होगा.

पीठ ने कहा कि अंतरिम राहत एक प्रीसिपी  (तत्काल सुनवाई के लिए एक लिखित अनुरोध) के आधार पर मांगी गई थी और दी गई अनुमति के खिलाफ अंतरिम आदेश की मांग करते हुए कोई आवेदन दायर नहीं किया गया.

बेंच ने कहा, "हमें यकीन नहीं है कि अंतरिम राहत पाने के लिए यह उचित तरीका है या नहीं. यहां तक ​​कि प्रीसिपी भी किसी भी अंतरिम राहत से वंचित है और केवल तत्काल सुनवाई के लिए मामले को प्रसारित करने की मांग करता है. अंतरिम राहत के लिए मौखिक आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता."

पशुओं के संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन ‘जीव मैत्री ट्रस्ट’ ने बीएमसी द्वारा 29 मई को जारी उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें बकरीद पर्व के मौके पर 17 से 19 जून तक 67 निजी दुकानों और नगर निकाय के 47 बाजारों में पशुओं के कुर्बानी की इजाजत दी गई थी.  पीटिशन में कहा गया है कि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा दी गई इजाजत नगर निकाय की नीति के अनुरूप नहीं है, जिसके तहत महज देवनार बूचड़खाने में ही पशुओं की कुर्बानी की इजाजत दी गई थी.

वहीं, बीएमसी के सीनियर वकील मिलिंद साठे ने कहा कि ऐसी पीटिशन्स हमेशा बकरीद पर्व के पहले आती है. अदालत ने पिछले साल भी 8 जून को अंतरिम राहत दी थी. अदालत ने तब कहा था कि नीति या कानूनी प्रोविजन्स के किसी भी उल्लंघन के मामले में शिकायत दर्ज करने के लिए एक तंत्र बनाया गया था और वह तंत्र यथावत बना हुआ है.

Trending news