नई दिल्ली: यह दावा करते हुए कि महिलाओं द्वारा गर्भ निरोधकों की बिक्री का उपयोग मुस्लिम आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक पश्चिमी साजिश है, तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान के दो मुख्य शहरों में गर्भ निरोधकों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.
घर-घर जाकर धमका रहा है तालिबान
द गार्जियन के अनुसार, तालिबान घर-घर जा रहा है, दाइयों को धमका रहा है और फार्मेसियों को सभी जन्म नियंत्रण दवाओं और उपकरणों की अलमारियों को खाली करने का आदेश दे रहा है.
शहर में एक दुकान के मालिक ने कहा, 'वे दो बार बंदूक लेकर मेरे स्टोर पर आए और मुझे धमकी दी कि मैं गर्भनिरोधक गोलियां बिक्री के लिए न रखूं. वे नियमित रूप से काबुल में हर फार्मेसी की जांच कर रहे हैं और हमने प्रोडक्ट्स को बेचना बंद कर दिया है.'
तालिबान कमांडर ने किसे धमकाया?
एक वयोवृद्ध दाई, जो नाम नहीं बताना चाहती थी, उन्होंने कहा कि उसे कई बार धमकाया गया था. उन्होंने कहा कि उसे एक तालिबान कमांडर ने कहा था, 'आपको बाहर जाने और जनसंख्या को नियंत्रित करने की पश्चिमी अवधारणा को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं है और यह अनावश्यक काम है.'
द गार्जियन ने बताया कि काबुल और मजार-ए-शरीफ के अन्य फार्मासिस्टों ने पुष्टि की है कि उन्हें किसी भी जन्म नियंत्रण दवाओं को स्टॉक नहीं करने का आदेश दिया गया है.
दुकान के मालिक ने किया ये खुलासा
काबुल में एक अन्य दुकान के मालिक ने कहा, 'इस महीने की शुरुआत से जन्म नियंत्रण की गोलियां और डेपो-प्रोवेरा इंजेक्शन जैसी वस्तुओं को फार्मेसी में रखने की अनुमति नहीं है और हम मौजूदा स्टॉक को बेचने से बहुत डरते हैं.'
द गार्जियन ने बताया कि काबुल में सड़कों पर गश्त कर रहे तालिबान लड़ाकों ने सूत्रों से कहा कि 'गर्भनिरोधक उपयोग और परिवार नियोजन एक पश्चिमी एजेंडा है.'
ब्रिटेन में अफगान में जन्मी सामाजिक कार्यकर्ता शबनम नसीमी ने कहा, 'तालिबान का न केवल महिलाओं के काम करने और पढ़ने के मानव अधिकार पर नियंत्रण है, बल्कि अब उनके शरीर पर भी नियंत्रण अपमानजनक है.'
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