नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर मंगलवार को आई. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पाकिस्तान के पंजाब विधानसभा के डिप्टी-स्पीकर के 10 मतों को खारिज करने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया और पीएमएल-क्यू नेता चौधरी परवेज इलाही को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत का मुख्यमंत्री नामित किया.
पीएम शहबाज को लगा बड़ा झटका
इस फैसले से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बड़ा झटका लगा है. बहुमत हासिल करने के बावजूद शुक्रवार को चुनाव हारने वाले परवेज इलाही ने डिप्टी स्पीकर दोस्त मजारी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें प्रधानमंत्री शरीफ के बेटे हमजा को विजयी घोषित किया गया था. मामले की सुनवाई करने वाले प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की पीठ ने फैसला सुनाया कि परवेज इलाही पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं.
चुनाव के दौरान मजारी ने पार्टी अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन द्वारा लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए पीएमएल-क्यू के 10 विधायकों के मतों की गिनती के खिलाफ फैसला दिया था, जो इलाही के पक्ष में थे.
कोर्ट ने परवेज इलाही को CM पद की शपथ दिलाने का दिया आदेश
अदालत ने पंजाब के गवर्नर को मंगलवार रात 11:30 बजे से पहले परवेज इलाही को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने का भी आदेश दिया. इसने व्यवस्था दी कि यदि गवर्नर इलाही को शपथ नहीं दिलाते हैं, तो राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ऐसा कर सकते हैं. इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने कहा था कि फैसला शाम 5:45 बजे जारी किया जाएगा और बाद में इसके लिए शाम 7:30 बजे का समय रखा गया. हालांकि, तीन घंटे की देरी के बाद फैसला सुनाया गया.
इलाही ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार हमजा शहबाज के 179 वोट के मुकाबले 186 वोट हासिल किए थे, लेकिन डिप्टी स्पीकर मजारी द्वारा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद-ए-आजम (पीएमएल-क्यू) के विधायकों के 10 वोट खारिज किए जाने के बाद वह हार गए थे. मजारी के फैसले को इलाही ने चुनौती दी थी और अदालत ने शनिवार को हमजा को 'ट्रस्टी' मुख्यमंत्री बने रहने को कहा था.
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