व्हाट्सएप के क्लोन ऐप से रहें अलर्ट, यूं कर रहा भारतीयों की जासूसी

भारत उन देशों में शामिल है जहां सबसे अधिक एंड्रॉइड ट्रोजन डिटेक्शन हैं. व्हाट्सएप का एक क्लोन देश में लोगों की चैट की जासूसी कर रहा है. साइबर-सिक्योरिटी फर्म ईएसईटी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 8, 2022, 03:06 PM IST
  • ऐप्स में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड की क्षमता
  • क्लोन किया गया ऐप गूगल प्ले पर उपलब्ध नहीं है
व्हाट्सएप के क्लोन ऐप से रहें अलर्ट, यूं कर रहा भारतीयों की जासूसी

नई दिल्ली: व्हाट्सएप का एक क्लोन, थर्ड-पार्टी अनऑफिशियल वर्जन देश में लोगों की चैट की जासूसी करने में अग्रणी है. एक नई रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन देशों में शामिल है जहां सबसे अधिक एंड्रॉइड ट्रोजन डिटेक्शन हैं. 

रिपोर्ट में दावा
साइबर-सिक्योरिटी फर्म ईएसईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार महीनों में एंड्रॉइड स्पाइवेयर डिटेक्शन के एक बड़े हिस्से के पीछे 'जीबी व्हाट्सएप' (व्हाट्सएप का एक लोकप्रिय लेकिन क्लोन थर्ड पार्टी वर्जन) था. कहा गया है कि इस तरह के दुर्भावनापूर्ण ऐप्स में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड करने सहित जासूसी क्षमताओं की एक विस्तृत श्रृंखला होती है.

क्यों है खतरा
-क्लोन किया गया ऐप गूगल प्ले पर उपलब्ध नहीं है 
-वैध व्हाट्सएप की तुलना में कोई सुरक्षा जांच नहीं है
-विभिन्न डाउनलोड वेबसाइटों पर उपलब्ध संस्करण मैलवेयर से भरे हुए हैं

रिपोर्ट में और क्या कहा गया
मई से अगस्त 2022 तक 'मोजी' नामक सबसे बड़ा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) बॉटनेट बनाने वाले बॉट्स के लिए जियोलोकेशन के रूप में भारत (35 प्रतिशत) चीन (53 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर था. चीन और भारत के पास संबंधित देशों के अंदर सबसे अधिक संख्या में आईओटी बॉट्स जियोलोकेटेड हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, "ये आंकड़े इस धारणा की पुष्टि करते हैं कि 'मोजी' बॉटनेट ऑटोपायलट पर है, जो मानव पर्यवेक्षण के बिना चल रहा है क्योंकि इसके निर्माता को 2021 में गिरफ्तार किया गया था." घटती संख्या के बावजूद, रूसी आईपी एड्रेस दूरस्थ डेस्कटॉप प्रोटोकॉल (आरडीपी) हमलों के सबसे बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार बने रहे.

क्या बोले विशेषज्ञ
ईएसईटी के मुख्य अनुसंधान अधिकारी रोमन कोवाक ने कहा, "रूस भी वह देश था, जिसे रैंसमवेयर द्वारा सबसे अधिक निशाना बनाया गया था, जिसमें से कुछ हमले राजनीतिक या वैचारिक रूप से युद्ध से प्रेरित थे." रिपोर्ट में घरेलू उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करने वाले खतरों की भी जांच की गई.

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