Reserve bank of India Order: जब आप लोन मांगते हैं, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर की चेक करता है. यानी कि वह आपके कुल लोन और उनके भुगतान के पिछले रिकॉर्ड पर नजर मारता है. लेकिन अब बड़ा फैसला यह है कि आगे चलकर जब भी बैंक यह जानकारी (आपका CIBIL स्कोर जानना) प्राप्त करने का प्रयास करेगा तो आपको सूचित कर दिया जाएगा. इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऋणदाताओं, वित्तीय संस्थानों और क्रेडिट ब्यूरो से कहा कि वे ग्राहकों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों को 30 दिनों के भीतर हल करें या फिर अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर प्रति दिन ₹100 का जुर्माना अदा करें.
आरबीआई ने क्रेडिट संस्थानों (CIs) और क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) को क्रेडिट जानकारी के देर से अपडेशन या ठीक करने के लिए मुआवजा ढांचा पेश करने का भी निर्देश दिया.
केंद्रीय बैंक ने CICs और CIs को प्रोसेस को तैयार करने और अगले छह महीनों में मुआवजा ढांचे को लागू करने का निर्देश दिया है.
RBI ने क्या कहा?
RBI ने कहा कि ग्राहक का क्रेडिट स्कोर मांगे जाने पर अलर्ट भेजना जरूरी है. रिजर्व बैंक CIBIL, एक्सपिरयन और दूसरी सभी क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनियों के लिए नियम कड़े कर रहा है. बताया गया कि कंपनियों को SMS-ई-मेल के जरिए अलर्ट भेजना चाहिए और शिकायत को 30 दिनों के अंदर ठीक करना होगा.
CICs का क्या काम है?
CICs उधारकर्ताओं - व्यक्तियों, कॉरपोरेट्स और छोटे व्यवसायों - की क्रेडिट जानकारी बनाए रखता है, जिसे बैंकों और अन्य उधारदाताओं द्वारा एक्सेस किया जा सकता है. यह बैंकों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों सहित विभिन्न क्रेडिट प्रदाताओं से जानकारी एकत्र करते हैं.
जून में RBI ने गलत, अधूरे डेटा और उधारकर्ताओं से शिकायत मिलने के 30 दिनों के भीतर क्रेडिट जानकारी अपडेट नहीं करने के लिए सभी चार CICs पर ₹1.01 करोड़ का संयुक्त जुर्माना लगाया था.
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