भ्रामक विज्ञापनों से छात्रों को लुभाने वाली कोचिंग संस्थाएं हो जाएं सावधान, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Alert Coaching centers: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (ccpa) ने 8 जनवरी 2024 को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों पर एक हितधारक परामर्श आयोजित किया. दरअसल, यह मसौदा सभी हितधारकों से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है.

Written by - IANS | Last Updated : Feb 16, 2024, 08:08 PM IST
  • भ्रामक विज्ञापन जारी करने वाली कोचिंग संस्थानों पर सरकारी नजर
  • अंकुश लगाने के लिए मसौदे पर राय मांगी गई
भ्रामक विज्ञापनों से छात्रों को लुभाने वाली कोचिंग संस्थाएं हो जाएं सावधान, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Alert Coaching centers: निजी कोचिंग संस्थानों की ओर से छात्रों को लुभाने के मकसद से कई तरह के भ्रामक विज्ञापन जारी किए जाते हैं, जिस पर अंकुश लगाने के लिए अब केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने एक दिशा-निर्देश का मसौदा जारी कर लोगों से राय मांगी है.

ड्राफ्ट दिशानिर्देश उपभोक्ता मामलों के विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. बता दें कि लोगों से उनके सुझाव मांगे गए हैं जिसे 16 मार्च 2024 तक केंद्रीय प्राधिकरण को सौंपा जा सकता है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को निजी कोचिंग संस्थनों की ओर से भ्रामक विज्ञापनों से सुरक्षित रखना है.

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (ccpa) ने 8 जनवरी 2024 को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों पर एक हितधारक परामर्श आयोजित किया. दरअसल, यह मसौदा सभी हितधारकों से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है.

प्रस्तावित दिशानिर्देश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 18 (2) (एल) के तहत जारी किए जाएंगे. मसौदा दिशानिर्देश में कोचिंग को संस्थान के रूप में परिभाषित किया गया है। हालांकि, इस संस्थान में शिक्षा किसी भी व्यक्ति के द्वारा दी जा सकती है.

भ्रामक विज्ञापनों के लिए शर्तें निर्धारित
दिशानिर्देश में भ्रामक विज्ञापनों के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं. यही नहीं, अगर कोई इस तरह के कोचिंग को संचालित करने में लिप्त पाया गया, तो उसे भ्रामक विज्ञापन बनाने की प्रक्रिया में संलिप्त माना जाएगा.

संस्थानों को सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के नाम (चाहे मुफ्त हो या पैसे लेकर) और पाठ्यक्रम की अवधि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी या कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी बतानी होगी.

संस्थान सत्यापन योग्य साक्ष्य उपलब्ध कराए बिना किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में छात्रों की सफलता दर, चयन की संख्या या रैंकिंग के संबंध में झूठे दावे नहीं कर सकता.

अत्यावश्यकता की झूठी भावना या छूट जाने का डर नहीं दिखाया जा सकता जिससे छात्रों या अभिभावकों में चिंताएं बढ़ सकती हैं.

कोई भी अन्य प्रथा जो उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकती है या उपभोक्ता की स्वायत्तता और पसंद को नष्ट कर सकती है, कानून के खिलाफ होगी.

कोचिंग से जुड़े हर व्यक्ति पर दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे. प्रस्तावित दिशानिर्देश ऐसे भ्रामक विज्ञापनों को रोकने का प्रयास करते हैं जो एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं को प्रभावित करते हैं.

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