नई दिल्ली: मां बनना किसी भी महिला के जीवन का बेहद खास पल होता है. बच्चे को जन्म देने के बाद लगभग 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराने की सलाह दी जाती हैं. ब्रेस्ट फीडिंग बच्चे और मां दोनों के लिए बेहद फायदेमंद होती है. हर साल 1 से 7 अगस्त तक ब्रेस्ट फीडिंग वीक मनाया जाता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मास्टिटिस क्या है?
मास्टिटिस क्या है
ब्रेस्ट में गांठ होती है जिसे मास्टिटिस कहा जाता है. ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान कई महिलाओं को अपने ब्रेस्ट में तनाव और सूजन महसूस होती है. दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल डॉ. तृप्ति रहेजा ने बताया है कि ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान ब्रेस्ट में सूजन, दर्द, रेडनेस होती है. अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह बड़ा फोड़ा बन सकता है.
उपाय
डॉ.रहेजा ने मास्टिटिस से निपटने के उपाय के बारे में बताया है कि इस कंडीश में बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते रहना चाहिए. ज्यादा परेशानी आ रही है तो आप पंपिंग करें. डॉक्टर से सलाह लें, इस समस्या को इग्नोर न करें.
मालिश
मास्टिटिस की कंडीशन में ब्रेस्ट की मालिश करें. मालिश करने से ब्लॉक्ड डक्ट्स खत्म होने में मदद मिलती है.
क्या है कारण
मास्टिटिस होने के पीछे कई कारण होते हैं, लेकिन कई बार यह स्वच्छता की कमी की वजह से हो जाता है. ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान सफाई का खास ध्यान दें. सफाई न होने पर स्किन फट जाती है जिस वजह से बैक्टीरिया ब्रेस्ट के ऊतक में प्रेवश कर जाते हैं. ऐसे में साफ-सफाई का खास ध्यान दें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी एक्सपर्ट की सलाह पर आधारित है, Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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