नई दिल्लीः टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज कप्तान और बीसीसीआई (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली का झुकाव अब एक बार फिर फुटबॉल की तरफ हो चला है. सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि वह एटीके मोहन बागान के डायरेक्टर के रूप में फिर से जिम्मेदारी संभालेंगे क्योंकि आईएसएल क्लब से उनकी बहुत सारी यादें जुड़ी हैं.
2021 में मोहन बागान के निदेशक पद से दिया था इस्तीफा
सौरव गांगुली ने अक्टूबर 2021 में संजीव गोयनका के स्वामित्व वाले आईएसएल क्लब एटीके मोहन बागान के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था. सौरव गांगुली 2014 में इंडियन सुपर लीग की शुरुआत के बाद से एटलेटिको-कोलकाता से जुड़े थे. बाद में मोहन बागान में मिल जाने के चलते एटीके का नाम बदलकर एटीके मोहन बागान कर दिया गया था.
दोबारा बनेंगे मोहन बागान के निदेशक
मोहन बागान क्लब का दौरा करने के बाद गांगुली ने कहा, ''मैं एटीके मोहन बागान का हिस्सा था. फिर से, मैं एटीके मोहन बागान के निदेशक के रूप में वापस आऊंगा. मैंने इस क्लब में लगभग 9 वर्षों तक क्रिकेट खेला. मैं मोहन बागान क्लब के परिवर्तन से चकित हूं.'' सौरव ने आगे कहा कि वह 29 अक्टूबर 2022 को आईएसएल में एटीके मोहन बागान का मैच भी देखने जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा, ''मैं इसके अलावा एटीके मोहन बागान से भी जुड़ा था. 29 तारीख को मैं एटीके मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित होने वाले मैच को देखने के लिए मौजूद रहूंगा. मैं फीफा वर्ल्ड कप भी देखने जाऊंगा. मैंने क्रिकेट खेला लेकिन मुझे फुटबॉल से अलग प्रकार का लगाव है.''
क्लब के महासचिव ने की तारीफ
उधर मोहन बागान क्लब के महासचिव देबाशीष दत्ता ने कहा, ''सौरव को हम पर विश्वास है. वह हमारे अपने हैं. हम अच्छा करेंगे. मुझे नहीं पता कि भविष्य में एटीके हमारे साथ रहेंगे या नहीं, लेकिन सौरव हमेशा हमारे साथ हैं और उसे अपने खुद के क्लब पर विश्वास है.''
गांगुली को AIFF अध्यक्ष से काफी उम्मीदें
गांगुली ने एआईएफएफ के नए अध्यक्ष कल्याण चौबे को लेकर कहा, ''फुटबॉल तो फुटबॉल है. भारतीय फुटबॉल को आईएसएल के साथ प्रोफेशनलिज्म मिलती है. आने वाले दिनों में फुटबॉल भी निश्चित रूप से राजस्व उत्पन्न करेगा. हमारे पास सुनील छेत्री जैसे बहुत बड़े फुटबॉलर हैं. एआईएफएफ अध्यक्ष भी अब एक पूर्व फुटबॉलर हैं जो काफी अच्छा है. मुझे उम्मीद है कि वह अच्छा काम करेंगे.''
बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद की दौड़ से हटे सौरव गांगुली
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली रविवार को बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष पद की दौड़ से हट गए जिससे उनके बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली का 31 अक्टूबर को वार्षिक आम बैठक में शीर्ष पद पर निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया. गांगुली ने नामांकन के आखिरी दिन अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र नहीं भरा.
चुनाव नहीं होने से दावेदारी नहीं पेश कर पाए सौरव गांगुली
इस मुद्दें पर उन्होंने कहा, ‘'मैंने कहा था कि मैं तभी अपनी दावेदारी पेश करूंगा जब चुनाव होंगे. चुनाव नहीं हो रहे हैं और इसलिए सभी को निर्विरोध चुना जाएगा. अगर मैं चुनाव लड़ता तो फिर दो या उससे अधिक लोगों को कोई पद नहीं मिलता इसलिए मैं हट गया. मैं निर्विरोध चुना जाता लेकिन मुझे लगा कि यह सही नहीं है. वे (कैब पदाधिकारी) अगले तीन साल तक काम करेंगें और हम उसके बाद देखेंगे.’
बता दें कि बीसीसीआई प्रेसिडेंट के रूप में गांगुली का कार्यकाल 18 अक्टूबर को समाप्त हो गया था. अब गांगुली की जगह दिग्गज क्रिकेटर रोजर बिन्नी को सर्वसम्मति से बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया है.
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