Commonwealth Games: बर्मिंघम में जारी कॉमनवेल्थ गेम्स के शुरू होने से कुछ दिन पहले भारत ने अपने ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को चोट की वजह से खो दिया और अब वो एथलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर पाने में नाकाम रहेंगे. नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स में न होना भारत के लिए करारा झटका है लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों में गई भारतीय एथलेटिक्स टीम में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिनको पदक का दावेदार माना जा सकता है और मंगलवार से शुरू हो रही ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में अपनी चुनौती पेश करेंगे.
चोपड़ा की गैर-मौजूदगी में भी भारत जीत सकता है आधा दर्जन मेडल
गोल्ड कोस्ट में चार साल पहले स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा भाला फेंक में अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाएंगे क्योंकि पिछले महीने अमेरिका में विश्व चैंपियनशिप के दौरान वह चोटिल हो गए थे. चोपड़ा ने विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.
उनकी अनुपस्थिति में लंबी कूद के एथलीट मुरली श्रीशंकर, स्टीपल चेज के खिलाड़ी अविनाश साबले, चक्का फेंक की अनुभवी खिलाड़ी सीमा पूनिया, भाला फेंक की एथलीट अनु रानी आदि पर भारत की निगाहें टिकी रहेंगी. भारत को त्रिकूद में प्रवीण चित्रवेल, अब्दुल्ला अबूबकर और एल्धोस पॉल से कम से कम एक पदक की उम्मीद है. राष्ट्रमंडल देशों में ये तीनों अभी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में शामिल हैं.
2010 की कामयाबी को दोहराना है मुश्किल
चोपड़ा की पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में स्वर्णिम सफलता के बाद भारत में कई नए एथलीट उबरकर आए हैं और ऐसे में बर्मिंघम खेलों में उसे कम से कम आधा दर्जन पदक पाने की उम्मीद है. भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 में दिल्ली में किया था जब उसने दो स्वर्ण, तीन रजत और सात कांस्य पदक जीते थे. इस प्रदर्शन को दोहराना मुश्किल है लेकिन भारतीय अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश कर सकते हैं.
पिछले दो कॉमनवेल्थ में एक जैसा रहा है भारत का प्रदर्शन
भारतीय एथलीटों ने 2014 और 2018 में एक समान एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था जो कि उसका दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मंगलवार को भारत की तरफ से पुरुषों की लंबी कूद में श्रीशंकर और मोहम्मद अनीस याहिया भाग लेंगे. राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक श्रीशंकर अभी अच्छी फॉर्म में है और अगर वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8.36 मीटर को दोहरा देते हैं तो कम से कम कांस्य पदक जीत सकते हैं.
सीमा पूनिया और नवजीत कौर पहले दिन ही जिता सकती हैं पदक
भारत को एथलेटिक्स में पहले दिन ही महिलाओं के चक्का फेंक में पदक मिल सकता है. इस स्पर्धा में भारत की तरफ से सीमा पूनिया और नवजीत कौर अपनी चुनौती पेश करेंगे. पिछली बार राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता था. राष्ट्रमंडल खेलों में पांचवीं बार भाग ले रही सीमा अपना पांचवां पदक जीतने की कोशिश करेंगी. उन्होंने अब तक तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता है. वह राष्ट्रमंडल खेलों से कभी खाली हाथ नहीं लौटी है और इस बार भी पदक जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इन खिलाड़ियों पर भी रहेगी नजर
महिलाओं के गोला फेंक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक मनप्रीत कौर भी मंगलवार को प्रतिस्पर्धा पेश करेंगी जबकि फर्राटा धाविका दुती चंद 100 मीटर दौड़ के क्वालीफाइंग में हिस्सा लेगी. ऊंची कूद के एथलीट तेजस्विन शंकर भी क्वालीफाइंग राउंड में भाग लेंगे. भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में अभी तक पांच स्वर्ण, 10 रजत और 13 कांस्य पदक सहित कुल 28 पदक जीते हैं. सेकर धनलक्ष्मी और ऐश्वर्या बाबू को डोपिंग परीक्षण में नाकाम रहने के कारण भारत की 36 सदस्यीय टीम से बाहर कर दिया गया था. धनलक्ष्मी की 100 मीटर में कोई संभावना नहीं थी लेकिन इससे भारत की महिलाओं की चार गुणा 100 मीटर रिले टीम कमजोर हुई है. पुरुषों की मैराथन शनिवार को संपन्न हुई जिसमें भारत के नितेंद्र रावत 12वें स्थान पर रहे थे.
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