क्यों विफल हुई नई आबकारी नीति, मनीष सिसोदिया ने इन पर लगाया इल्जाम

दिल्ली में सरकारी दुकानों के जरिए शराब की बिक्री होगी. इस बीच मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हमने नई आबकारी नीति वापस ले ली है और शराब की सरकारी दुकानें खोलने का निर्देश दिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 30, 2022, 12:19 PM IST
  • नहीं लागू होगी नई एक्साइज पॉलिसी
  • मनीष सिसोदिया ने कही ये बड़ी बात
क्यों विफल हुई नई आबकारी नीति, मनीष सिसोदिया ने इन पर लगाया इल्जाम

नई दिल्ली: नई आबकारी नीति वापस लेने के बाद सिसोदिया ने कहा है कि 'मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इस बदलाव ​​के दौरान कोई अराजकता न हो. हमने नई आबकारी नीति वापस ले ली है और शराब की सरकारी दुकानें खोलने का निर्देश दिया है.'

'लोगों ने अपनों को ही दिया था लाइसेंस'

मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'दिल्ली में 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी लागू होने से पहले ज्यादा सरकारी दुकानें थी. सरकारी दुकानों के जरिए शराब बिकती थी और बहुत घोटाला होता था. दिल्ली में कुछ निजी दुकानें थी लेकिन इसका लाइसेंस भी इन लोगों ने अपनों को ही दिया था. उनसे चार्ज भी कम लेते थे.'

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने शराब की दुकानों के लाइसेंसधारियों एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों को धमकाने के लिए सीबीआई एवं ईडी का इस्तेमाल किया ताकि नई आबकारी नीति विफल हो जाए.

'भाजपा दुकानदारों, अधिकारियों को ED और CBI से धमका रहे हैं. वे चाहते हैं कि दिल्ली में कानूनी शराब की दुकानें बंद हों और अवैध दुकानों से पैसा कमाया जाए. हमने नई शराब नीति को रोकने का फैसला किया है और सरकारी शराब की दुकानें खोलने का आदेश दिया है.'

उन्होंने कहा कि 'वे (भाजपा) गुजरात की तरह दिल्ली के दुकानदारों, अधिकारियों को धमकाकर मिलावटी, शुल्क-मुक्त शराब की बिक्री को बढ़ावा देना चाहते हैं.'

'हमने पारदर्शी तरीके से नीलामी की'

मनीष सिसोदिया ने बताया कि 'हमने शराब दुकानों की पारदर्शी तरीके से नीलामी की. पहले दिल्ली में 850 दुकानें थी. नई पॉलिसी में हमने तय किया कि एक भी ज्यादा दुकान नहीं खोलेंगे. पहले इन दुकानों से सरकार को 6000 करोड़ की आय होती थी. पारदर्शी तरीके से नीलामी के बाद अब 9500 करोड़ की आय सरकार को हुई.'

भाजपा ने जताई खुशी, 'यह जानता की जीत है'

दिल्ली की आबकारी नीति से संबंधित हालिया विवाद पर केजरीवाल सरकार बैकफुट पर आ गई है, वहीं भाजपा ने अब आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है. भाजपा इसे जानता की जीत बता रही है. जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार 1 अगस्त से अगले 6 महीनों के लिए आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था को ही लागू कर दिया है.

इसके बाद भाजपा नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'यह जानता की जीत है, केजरीवाल अपने पूंजीपतियों को दिल्ली के शराब के ठेकों का काम दिया था, जिसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ. सीबीआई की जांच शुरू होने से सभी डरकर पीछे हटे और सरकार मजबूर हुई पुरानी नीति अपनाने को.'

वहीं भाजपा के अन्य नेताओं ने कहा, 'दिल्ली भाजपा की बड़ी जीत हुई है, हमारा संघर्ष रंग लाया है जिसके चलते दिल्ली सरकार को विनाशकारी शराब नीति वापस लेनी पड़ी है. सीबीआई जांच के आदेश आते ही केजरीवाल सरकार ने वापस ली नई आबकारी नीति. मतलब साफ है, आप की नीति और नीयत दोनों खराब है.'

पिछले साल लागू की थी नई आबकारी नीति 

केजरीवाल सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर से खुदरा शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए गए थे. अब तक, नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकानें खुल चुकी हैं. उधर, एलजी वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए.

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