Rajasthan CM: कौन हैं Kailash Choudhary, जो बस कंडक्टर रहे, अब CM रेस में सबसे आगे

Who is Kailash Choudhary: कैलाश चौधरी छात्र राजनीति से उभरे हुए नेता हैं. वे दंबग छात्र नेता हुआ करते थे. बाड़मेर बालोतरा में फैक्ट्रियां बंद पर कई मजदूरों का रोजगार छीन गया था. इस पर कैलाश चौधरी चार महीने तक धरने पर बैठे थे. पुलिस न उन पर खूब लाठियां भी बरसाई और जेल में भी डाला. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Dec 12, 2023, 03:16 PM IST
  • पार्षद का चुनाव हार गए थे
  • 2019 में बने बाड़मेर से सांसद
Rajasthan CM: कौन हैं Kailash Choudhary, जो बस कंडक्टर रहे, अब CM रेस में सबसे आगे

नई दिल्ली: Who is Kailash Choudhary: राजस्थान में विधायक दल की बैठक शुरू हो गई. पर्यवेक्षक के तौर पर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से 10 मिनट वन-टू-वन बातचीत की है. दूसरी तरफ, दिल्ली में लोकसभा कार्यवाही में हिस्सा ले रहे केंद्रीय मंत्री और बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी को चार्टर प्लेन से जयपुर बुलाया है. उनके घर पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कैलाश चौधरी राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं.   

लाठियां खाई, जेल गए
कैलाश चौधरी छात्र राजनीति से उभरे हुए नेता हैं. वे दंबग छात्र नेता हुआ करते थे. बाड़मेर बालोतरा में फैक्ट्रियां बंद पर कई मजदूरों का रोजगार छीन गया था. इस पर कैलाश चौधरी चार महीने तक धरने पर बैठे थे. पुलिस न उन पर खूब लाठियां भी बरसाई और जेल में भी डाला. तब की प्रदेश कांग्रेस सरकार ने चौधरी की उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी थी. कहा जाता है कि भूख हड़ताल करने से उन्हें अल्सर हो गया था. 

सोनिया गांधी से उलझे
साल 2006 में कवास में भीषण बाढ़ आई थी. इसमें 150 से ज्यादा लोगों मारे गए थे. इस दौरान कैलाश चौधरी ने बालोतरा से खाने के 6 हजार पैकेट तैयार करवाए. सूर्योदय से पहले वो कवास पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों की मदद की. तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी व मुख्यमंत्री गहलोत कवास में हालत का जायजा लेने आए, तब चौधरी ने उन्हें ज्ञापन सौंपा था. इस दौरान उनकी बहस भी हो गई और पुलिस ने उन पर खूब डंडे बरसाए. इसी दिन को कैलाश के सियासी सफर का टर्निंग पॉइंट कहा जाता है.  

कैसा रहा राजनीतिक सफर
कैलाश ने 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ा, इसमें वे हार गए. 2004 में वे जिला परिषद सदस्य बने. 2013 में बायतु से चौधरी 13974 वोट से जीत गए. 2018 में फिर बायतु से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी के सामने 18311 वोट से हार गए. 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 3.23 लाख वोट से हराया. इसी कार्यकाल में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह मिली.  

बस कंडक्टर की नौकरी भी की
कैलाश का जीवन संघर्षों से भरा है. ग्रेजुएशन करने के बाद कैलाश चौधरी को राजनीति में कुछ खास पहचान व् पद नहीं मिला, तो उन्होंने आजीविका चलाने के लिए बस कंडक्टर की नौकरी भी की. कहा जाता है कि मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद कैलाश ने दिल्ली में नए कपड़े खरीदे थे. उन्होंने मोदी स्टाइल जैकेट खरीदी और उसे पहनकर संसद पहुंचे थे. 

ये भी पढ़ें- Rajasthan New Cm: इस केंद्रीय मंत्री को चार्टर प्लेन से जयपुर बुलाया, क्या बनेंगे राजस्थान के अगले CM?

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़