नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (SC) में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस दिया. साथ ही 5 दिन में कोर्ट ने हलफनाफा दायर करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों ने बंबई उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया?
विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में रखी ये मांग
शिवसेना के बागी विधायकों ने न्यायालय के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे नीत समूह ‘अल्पमत’ में है और सरकारी तंत्र को ‘नष्ट करने की कोशिश’ कर रहा है. शिवसेना के बागियों ने नबाम रेबिया फैसले का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा के उपाध्यक्ष को अयोग्यता याचिका पर निर्णय करने का अधिकार नहीं है.
Supreme Court also issues notice to Shiv Sena leaders Ajay Chaudhary, Sunil Prabhu and asks them to file a reply within five days. Supreme Court lists the plea for hearing on July 11th.
— ANI (@ANI) June 27, 2022
डिप्टी स्पीकर की ओर से राजीव धवन, अजय चौधरी और सुनील प्रभु की ओर से सिंघवी को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने 5 दिन में हलफनामा दायर करने को कहा. SC ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया. SC ने कहा कि 3 दिन के अंदर दोनों पक्ष जवाब दें.
11 जुलाई तक बागी विधायकों को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के बागी विधायकों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए कहा कि उनकी अयोग्यता पर 11 जुलाई शाम साढ़े पांच बजे तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से शिवसेना के 39 बागी विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के वकील का बयान दर्ज किया कि शिवसेना के बागी विधायकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं. अदालत ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर से बागी विधायकों द्वारा उन्हें दिए गए अविश्वास नोटिस के रिकॉर्ड को हलफनामे में पेश करने को कहा.
बता दें, कोर्ट में उद्धव की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'स्पीकर के काम में कोर्ट दखल नहीं देता. कोर्ट के पुराने फैसलों में इसका जिक्र है. डिप्टी स्पीकर को फैसला लेने का हक है.'
On request of providing security to 39 MLAs alleging threat, SC records statement of standing counsel of Maharashtra govt that adequate steps have already been taken and the state government will further ensure that no harm is caused to the life, liberty, or property of the MLAs.
— ANI (@ANI) June 27, 2022
SC ने उद्धव गुट के वकील से पूछा कि डिप्टी स्पीकर खुद फैसला ले सकते हैं? डिप्टी स्पीकर का खुद पर फैसला जायज? दोनों पक्ष के दस्तावेज का आकलन करेंगे. डिप्टी स्पीकर से दस्तावेज मंगाएंगे.
नीरज किशन कौल बागी विधायकों की ओर से दलील रख रहे है. उन्होंने कहा कि जब तक उपसभापति को हटाने के प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता, वो अयोग्य ठहराने की कार्रवाई पर आगे नहीं बढ़ सकते.
SC में शिंदे गुट के वकील की दलील
शिंदे गुट के वकील ने धमकी का जिक्र किया. संजय राउत की धमकी का जिक्र कियाय 'बागी विधायकों के लिए हालात मुश्किल है. खतरे की वजह से HC नहीं गए.
एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 'MVA अल्पमत में है. ये बगावत नहीं, महाराष्ट्र के लोगों की आवाज है. फैसला हमारे हक में आएगा. हम बागी नहीं है, बाला साहेब के सिपाही है. कानूनी रूप से हम लोग सही हैं.'
सुप्रीम कोर्ट में बागियों ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग रखी. उन्होंने कहा कि पहले डिप्टी स्पीकर को हटाने पर फैसला हो. स्पीकर के पास निलंबन का अयोग्य करार देने का अधिकार नहीं.
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