कोलकाता. पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि विश्ववस्त सूचना के आधार पर कहा जा सकता है कि कोलकाता राजभवन में जासूसी के प्रयास हुए. आनंद बोस का यह दावा राज्य सरकार के साथ उनके तनावपूर्ण संबंधों के बीच आया है. बोस ने यह भी कहा है कि जासूसी के मामले को सबंधित अथॉरिटी के सामने रख भी दिया गया है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके संबंध 'बेहद सौहार्दपूर्ण' हैं और उन्हें राज्य में काम करते समय कोई परेशानी नहीं हुई. राज्यपाल के तौर पर एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर बोस ने कहा कि राज्य की जनता का कल्याण उनकी प्राथमिकता है.
'मेरी भूमिका संविधान में निहित है'
उन्होंने कहा-राज्यपाल के रूप में मेरी भूमिका संविधान में निहित है. मैं लोगों की भलाई के लिए काम करता हूं. जब हम संवैधानिक औचित्य के मानदंड को लागू करते हैं, तो सरकार के कुछ कामकाज दोषपूर्ण पाए जा सकते हैं. ऐसे में राज्यपाल को हस्तक्षेप करना होता है. इससे स्पष्ट टकराव हो सकता है. लेकिन टकरावों का समाधान निकाला जा सकता है क्योंकि हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में टकरावों को सुलझाने की आंतरिक शक्ति है.
सरकार से संबंधों पर क्या बोले?
बोस ने राजभवन से समानांतर प्रशासन चलाने और राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करने संबंधी तृणमूल कांग्रेस के आरोपों पर कहा-लोकतंत्र में, कोई भी व्यक्ति अपने विचार स्वतंत्र रूप से, स्पष्ट रूप से और निडर होकर व्यक्त कर सकता है. जरूरी नहीं कि राज्यपाल के विचार और सरकार के विचार समान हों. इस तरह का द्वंद्व लोकतंत्र के लिए स्वाभाविक है. जो मुझे सही लगता है और कानूनी व संवैधानिक है, मैं उसी पर आगे बढ़ता हूं . यही मेरा दृष्टिकोण है.
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