नई दिल्लीः पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने इसे गंभीर मुद्दा करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. सुप्रीम कोर्ट याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह याचिका की कॉपी केंद्र और पंजाब सरकार को सौंपे. याचिका में पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की गई है. साथ ही घटना पर रिपोर्ट लेने और पंजाब सरकार को दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश देने की भी मांग.
गहन जांच की मांग की गई
याचिका में पंजाब के बठिंडा में पीएम के काफिले को रोकने में सुरक्षा उल्लंघन की गहन जांच की मांग की गई है. वहीं, पीएम की यात्रा के लिए पुलिस बंदोबस्त से संबंधित सभी सबूतों को बठिंडा जिला जज को अपने कब्जे में लेने का निर्देश देने की मांग भी की गई है.
पूछे गए ये तीखे सवाल
याचिका में ये भी कहा गया है कि प्रोटोकॉल के अनुसार, मुख्य सचिव और DGP या उनके नामांकित अफसरों के लिए कार निर्धारित की जाती है और उन्हें काफिले में शामिल होना चाहिए. लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री के आने के दौरान न तो मुख्य सचिव या प्रतिनिधि और न ही डीजी या प्रतिनिधि काफिले में शामिल हुए.
घटनाओं से यह स्पष्ट है कि निजी व्यक्तियों को प्रधानमंत्री के मार्ग तक पहुंच प्रदान की गई थी. अन्य व्यक्तियों को नाकाबंदी में शामिल होने के लिए उकसाया गया था, जो राज्य तंत्र और राजनीतिक प्रतिष्ठान द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर और अक्षम्य उल्लंघन का संकेत देता है.
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याचिका में कहा गया है कि पंजाब राज्य के सचिव और DGP ने विशेष सुरक्षा समूह को आश्वासन दिया कि रास्ता साफ है. यह पाया गया कि यह सच नहीं था जिसके परिणामस्वरूप एक अनिश्चित स्थिति पैदा हुई. यह निवेदन है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पंजाब पुलिस की मिलीभगत से स्पष्ट रूप से हुई थी.
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