दिल्ली तक बजेगा BSP का डंका! UP में सुप्रीमो मायावती ने शुरू कर दी है बड़ी प्लानिंग

Mayawati Strengthening BSP Cadre: पार्टी में 2007 के बाद से ही कैडर बनाने पर काम नहीं हो रहा है. दिलचस्प बात है कि यही वो साल था जब बीएसपी ने इकलौती बार उत्तर प्रदेश की सत्ता अकेले दम पर हासिल की थी. तब पार्टी ने ब्राह्मण-दलित सोशल इंजीनियरिंग की थी. और यह फार्मूला हिट रहा था. 

Written by - Arun Tiwari | Last Updated : Mar 23, 2023, 01:12 PM IST
  • 2007 में रुका कैडर बनाने का काम.
  • लगातार घट रहा पार्टी का जनाधार.
दिल्ली तक बजेगा BSP का डंका! UP में सुप्रीमो मायावती ने शुरू कर दी है बड़ी प्लानिंग

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में 2024 में लोकसभा की चुनावी लड़ाई बीते दो बार से ज्यादा दिलचस्प हो सकती है. इसका कारण ये है कि बहुजन समाज पार्टी यानी BSP सुप्रीमो मायावती पार्टी काडर को मजबूत करने में लग गई हैं. माना जा रहा है कि 2024 में बीएसपी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी. ऐसे में यूपी में लोकसभा की चुनावी लड़ाई तीन तरफा हो सकती है जिसमें एक तरफ बीजेपी होगी तो दूसरी समाजवादी पार्टी. 

बेमेल गठबंधन और फिर अलगाव
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में एक बेमेल गठबंधन हुआ था. राज्य में एक-दूसरे के चिर प्रतिद्वंद्वी रहे सपा और बसपा एक साथ आए गए थे. तब चुनावी पंडितों ने इसे एक क्रांतिकारी गठबंधन बताते हुए बड़े चुनावी उलटफेर की भविष्यवाणियां भी की थीं. लेकिन जब नतीजे आए तो गठबंधन का कोई बहुत बड़ा असर नहीं दिखा था. भारतीय जनता पार्टी की सीटें तो 2014 के मुकाबले कम हुईं लेकिन फिर भी उसे एक मजबूत जनमत मिला था. 

नहीं चल पाया यूपी में 'महागठबंधन'
सपा-बसपा गठबंधन को कुल 15 सीटें मिली थी जिसमें से मायावती के खाते में दस सीटें आईं. चुनाव के बाद यह गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चला तो दोनों पार्टियों ने अपनी राहें अलग कर लीं. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जहां अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन सुधरा तो वहीं बसपा पूरे प्रदेश में केवल एक सीट पर सिमट कर रह गई. अब मायावती लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी प्लानिंग करती दिख रही हैं. 

क्यों शुरू हुआ कैडर बनाने पर काम
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटते जनाधार और दलित वोटबैंक में सेंध के चलते अब कैडर को 16 साल बाद फिर से तैयार किया जा रहा है. इसी क्रम में टॉप लीडरशिप की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी मंडल कॉर्डिनेटर को खास निर्देश दिया गया है.

2007 में पार्टी ने बनाई थी यूपी में सरकार
बीएसपी के मंडल कोऑर्डिनेटर और MLC भीमराव अंबेडकर के मुताबिक कैडर ही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत हैं. हाल हमें हुई समीक्षा में पाया गया कि पार्टी में 2007 के बाद से ही कैडर बनाने पर काम नहीं हो रहा है. दिलचस्प बात है कि यही वो साल था जब बीएसपी ने इकलौती बार उत्तर प्रदेश की सत्ता अकेले दम पर हासिल की थी. तब पार्टी ने ब्राह्मण-दलित सोशल इंजीनियरिंग की थी. और यह फार्मूला हिट रहा था. 

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