Kisan Andolan 2.0: फिर दिल्ली क्यों आ रहे किसान, जानें अबकी बार क्या मांग?

Kisan Andolan Demands: 13 फरवरी को एक बार फिर किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है. इस बार 12 मांगों को लेकर किसान आंदोलन करने जा रहे हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 12, 2024, 06:44 PM IST
  • MSP पर कानून बनाने की मांग
  • किसानों के लिए पेंशन की मांग
Kisan Andolan 2.0: फिर दिल्ली क्यों आ रहे किसान, जानें अबकी बार क्या मांग?

नई दिल्ली: Kisan Andolan Demands: देश में एक बार फिर किसान आंदोलन शुरू हो गया है. इसे 'किसान आंदोलन 2.0' कहा जा रहा है. किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है. ऐसे में हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें पुलिस किसानों को रोकने का प्रयास करती दिख रही है. ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि कृषि कानून वापस लेने के बाद अब किसान फिर से दिल्ली कूच क्यों कर रहे हैं. आइए, जानते हैं किसान आंदोलन 2.0 के कारण.

ये हैं किसानों की 12 मांग
दरअसल, 2021 में हुए किसान आंदोलन में किसानों की मुख्य मांग कृषि कानूनों को वापस लेने की थी. उनकी अतिरिक्त मांगो में MSP समेत कई और भी मुद्दे थे. इस बार किसान एक नहीं, बल्कि 12 मांगो को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं. 

1. सरकार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP )की गारंटी का कानून बनाए.

2. सरकार भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को फिर से लागू करे. कलेक्टर दर से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाए.

3. सरकार किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी के लिए योजना लाए.  

4. नकली बीज, कीटनाशक और खाद बनाने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जाए और बीज की क्वालिटी में सुधार हो.

5. लखीमपुर खीरी में हुए किसानों के नरसंहार के अपराधियों को सजा दी जाए.

6. विश्व व्यापार संगठन से हटें और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर बैन लगे.

7. किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए सरकार पेंशन की व्यवस्था करे.  

8. मिर्च और हल्दी समेत अन्य मसालों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.

9. बीते किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिवार को एक नौकरी और मुआवजा दिया जाए.

10. कंपनियों को आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित करने से रोका जाए. जल, जंगल और जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित किया जाए.

11. मनरेगा को खेती से जोड़कर हर साल 200 दिन का रोजगार दिया जाए और के तहत 700 रुपये की प्रतिदिन की मजदूरी दी जाए.

12. सरकार बिजली संशोधन विधेयक, 2020 को तुरंत प्रभाव से रद्द करे.

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