नई दिल्ली. दक्षिण भारतीय राज्य केरल को नया नाम देने की कवायद शुरू हो गई है. राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा केरल का नाम 'केरलम्' करने के लिए लाए गए प्रस्ताव को विधानसभा में सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है. प्रस्ताव में केंद्र सरकार से अपील की गई है कि आठवीं अनुसूची के तहत सभी भाषाओं में राज्य का नाम 'केरलम्' ही कर दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने दिया प्रस्ताव, सर्वसम्मति से हो गया पास
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तर्क दिया कि मलयालम भाषा में राज्य को केरलम् ही कहा जाता है. वहीं अन्य भाषाओं में इसे केरल कहा जाता है. बता दें कि यह घटनाक्रम उस प्रस्ताव के पास किए जाने के कुछ दिन बाद हुआ है जिसमें सर्वसम्मति से समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध किया गया था.
Kerala CM Pinarayi said in the Assembly today, "A resolution under Rule 118 is being moved in this House requesting the Central Government to change the official name of our state to 'Keralam' in all languages included in the Eighth Schedule of the Constitution of India."
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— ANI (@ANI) August 9, 2023
कैसे बदला जाता है किसी राज्य का नाम
संविधान के मुताबिक किसी भी राज्य का नाम सामान्य बहुमत के साथ बदला जा सकता है. हालांकि पहले इसे लेकर राष्ट्रपति की संस्तुति पर एक बिल पेश करना होता है. बिल पेश किए जाने के पहले राष्ट्रपति को उसे संबंधित राज्य को भेजना होता है. इस बिल पर एक निश्चित समय में राज्य को जवाब देना होता है. हालांकि राज्य का ओपीनियन राष्ट्रपति या फिर संसद के लिए मानना जरूरी नहीं होता.
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