नई दिल्लीः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 28 व 29 फरवरी को बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के समुद्र तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर से किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, VSHORADS रूसी मिसाइल सिस्टम S-400 की तरह ही है.
जानिए VSHORADS के फीचर्स
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 1एक मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी लंबाई 6.7 फीट, व्यास 3.5 इंच है. वहीं इसका वजन 205 किलो है और यह अपने साथ 2 किलो वजनी हथियार ले जा सकता है. VSHORADS की रेंज 250 मीटर से 6 किमी तक है. इसकी अधिकतम गति 1800 किमी प्रतिघंटा है.
बहुत कम दूरी की है इंटरसेप्टर मिसाइल
यह बहुत कम दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है. खास बात यह है कि इसे देश में बनाया गया है. इसे बनाने में डीआरडीओ की सहायता हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर इमारत ने की है. इसे आसानी से किसी भी जगह ले जाया जा सकता है. पहाड़, रेगिस्तान, कहीं भी ले जाकर इससे विमान, फाइटर जेट, मिसाइल या ड्रोन को मार गिराया जा सकता है.
VSHORADS को एक व्यक्ति ले जा और चला सकता है. यह कम ऊंचाई पर कम दूरी के हवाई खतरों से निपट सकती है. आधुनिक तकनीक से लैस यह काफी सटीक और प्रभावी है. साथ ही यह तेजी से उड़ान भर सकती है.
यह मिसाइल दोहरे जोर वाले ठोस मोटर से चलती है. इसमें ड्यूल बैंड आईआईआर सीकर, मिनिएचर रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स जैसी आधुनिक तकनीकें हैं.
वहीं एस-400 की बात करें तो यह अत्याधुनिक, लंबी दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है. यह रूस की ओर से विकसित की गई है और इसे दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है. यह मिसाइल ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों को मार गिरा सकती है.
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