कोलकाता. पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के तकरीबन दो साल बाद अब नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दिग्गज नेता मुकुल रॉय के अगले कदम के बारे में राजनीतिक विश्लेषक अटकलें ही लगा रहे थे कि मंगलवार रात उन्होंने (रॉय ने) कहा कि वह अब भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते हैं क्योंकि भाजपा में लौटने के इच्छुक हैं. रॉय सोमवार रात ‘कुछ निजी काम’ से दिल्ली गए थे, हालांकि शुरू में उनके परिवार ने दावा किया था कि वह ‘लापता’ हो गए हैं.
परिवार ने दावा किया कि उनकी ‘मानसिक स्थिति ठीक’ नहीं है और कहा कि भाजपा को टीएमसी नेता का इस्तेमाल कर गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए, जो कि अस्वस्थ हैं. मंगलवार शाम को एक बंगाली समाचार चैनल से रॉय ने कहा, ‘मैं एक भाजपा विधायक हूं. मैं भाजपा के साथ रहना चाहता हूं. पार्टी ने मेरे यहां ठहरने के लिए इंतजाम किए हैं. मैं अमित शाह से मिलना चाहता हूं और जे पी नड्डा से बात करना चाहता हूं.’
तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे रॉय 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे. 2011 में उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. हालांकि, इसके तुरंत बाद वह विधानसभा से इस्तीफा दिए बिना तृणमूल कांग्रेस में वापस आ गए. रॉय ने कहा, ‘मैं कुछ समय से अस्वस्थ था, इसलिए मैं राजनीति से दूर था. लेकिन अब मैं ठीक हूं और मैं फिर से राजनीति में सक्रिय होऊंगा.’ उन्होंने कहा कि वह ‘100 प्रतिशत आश्वस्त हैं कि वह तृणमूल कांग्रेस के साथ कभी संबंध नहीं रखेंगे.’ रॉय ने अपने बेटे शुभ्रांशु को भी एक सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘उन्हें (शुभ्रांशु को) भी भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए सबसे उपयुक्त होगा.’
अनुपम हाजरा ने दिए थे संकेत
मीडिया के एक वर्ग में कयास लगाए जा रहे हैं कि रॉय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं. रॉय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तब तेज हो गयी जब भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने फेसबुक पर एक अस्पष्ट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘कमबैक’. एक समाचार चैनल से बातचीत में हाजरा ने कहा, ‘यह वक्त इंतजार करने और देखने का है. कृपया एक या दो दिन इंतजार करिए, बहुत जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा.’
रॉय टीएमसी नेतृत्व से मतभेदों के बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे. उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. रॉय ने भाजपा के टिकट पर 2021 का विधानसभा चुनाव जीता था लेकिन वह नतीजों की घोषणा के करीब एक माह बाद टीएमसी में लौट आए थे. टीएमसी में लौटने के बाद से ही वह जनता की नजरों से दूर रहे हैं. उन्होंने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था.
नए गेम प्लान पर काम कर सकती है बीजेपी!
दरअसल 2024 का लोकसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम वक्त बचा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए 18 सीटें हासिल की थीं. 2014 में बीजेपी को महज 2 सीटें मिली थीं. इसके बाद 2021 के विधानसभा में चुनाव में भले ही बीजेपी आशातीत सीटें न मिली हों लेकिन पार्टी ने राज्य में टीएमसी, कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टियों को बिल्कुल अप्रासंगिक बना दिया था. इन दोनों ही प्रदर्शन के पीछे मुकुल रॉय की रणनीति ने अहम रोल प्ले किया था. टीएमसी के बाद राज्य में बीजेपी की सीटें ही आई थीं. हालांकि चुनाव बाद पार्टी में भगदड़ भी मची थी. मुकुल रॉय भी इसका हिस्सा बन गए थे. अब माना जा रहा है कि अगर रॉय की बीजेपी में वापसी होती है तो पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए नए गेम प्लान पर काम कर सकती है.
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