नई दिल्लीः सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि ऑनलाइन साझा प्रवेश परीक्षा (सीईई) के लिए इस्तेमाल होने वाले पाठ्यक्रम या परीक्षा के तौर तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है. भारतीय सेना के भर्ती महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एन. एस. सरना ने यहां साउथ ब्लॉक में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि ऑनलाइन परीक्षा प्रारूप अपनाने का निर्णय कई वजहों से प्रेरित था.
जानिए किन बातों पर देना होगा जोर
उन्होंने कहा कि युवा अब "तकनीकी तौर पर जागरूक" हैं तथा मोबाइल फोन का प्रसार एवं इसकी पैठ गांवों में गहराई तक हो चुकी है, जिससे लोगों के लिए नयी तकनीक सर्वसुलभ हो रही है. सेना ने हाल ही में अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव की घोषणा की थी और बल में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवारों को अब सबसे पहले एक ऑनलाइन साझा प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा, उसके बाद उन्हें शारीरिक फिटनेस और मेडिकल जांच का सामना करना होगा.
पहले इन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था
इससे पहले, अग्निवीरों और अन्य उम्मीदवारों को शारीरिक फिटनेस परीक्षण से गुजरना पड़ता था, उसके बाद अंतिम चरण में चिकित्सा परीक्षण और सीईई के लिए उपस्थित होना पड़ता था. लेफ्टिनेंट जनरल सरना ने कहा कि ऑनलाइन साक्षा जांच परीक्षा को "पहली स्क्रीनिंग प्रक्रिया" के रूप में आयोजित किया जाना उम्मीदवारों की मदद करने और "तकनीकी रूप से जागरूक और शारीरिक रूप से फिट" युवाओं को सेना में भर्ती करने में मदद के लिए है.
उन्होंने कहा, "उम्मीदवारों को पहले स्क्रीनिंग प्रक्रिया के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था और रैलियों के दौरान भी बड़ी संख्या में उम्मीदवार इकट्टा होते थे. अब, भर्ती प्रक्रिया में बदलाव से संभावित उम्मीदवारों को मदद मिलेगी और सेना प्रशासनिक प्रक्रिया के आसान बनने की स्थिति में इसे प्रबंधित करने में सक्षम होगी.’’ लेफ्टिनेंट जनरल सरना ने कहा कि प्रक्रिया "आसान, सरल और अधिक सुव्यवस्थित" हो जाएगी.
संशोधित भर्ती प्रक्रिया के अनुसार भर्ती रैली से पहले कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सीईई आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि सेना ने देश भर में 176 स्थानों की पहचान की है, जिन्हें जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है और उम्मीदवार पांच केंद्र चुन सकते हैं जहां वे ऑनलाइन सीईई के लिए उपस्थित होना चाहते हैं.
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अधिकारी ने कहा, "इन पांच विकल्पों में से एक केंद्र आवंटित किया जाएगा." सेना के भर्ती महानिदेशक ने कहा कि "बोनस अंक" उन उम्मीदवारों को दिए जाएंगे जो 10वीं पास हैं और साथ ही आईटीआई का दो साल का कोर्स पूरा कर चुके हैं और जिनके पास एनसीसी का ए, बी या सी प्रमाणपत्र हैं, उत्कृष्ट खिलाड़ी हैं और डिप्लोमाधारक भी हैं.
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