नई दिल्ली: राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की ओर से 2022 के लिए नियोजित चौथी राष्ट्रीय स्तर की लोक अदालत विभिन्न राज्यों में शुरू हो गई है. यह दिन राजस्थान और महाराष्ट्र में जुपिटिस की ओर से डिजाइन और विकसित दूसरी डिजिटल लोक अदालत की शुरुआत का भी प्रतीक है.
पूर्व में आयोजित डिजिटल लोक अदालत की सफलता के बाद चौथी डिजिटल लोक अदालत में राजस्थान और महाराष्ट्र राज्यों में दर्ज मामलों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज हुई है. पूर्व में आयोजित लोक अदालतों में रिकॉर्ड 833,513,857 रुपये का समझौता करवाया गया.
13.5 करोड़ मामले दर्ज किए गए
भारतीय जसटेक कंपनी- जुपिटिस की प्रौद्योगिकी साझेदारी के साथ राजस्थान और महाराष्ट्र दोनों ने डिजिटल लोक अदालत मंच पर रिकॉर्ड संख्या में मामले दर्ज करने के बाद लगातार दूसरी बार इतिहास दोहराया है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, डिजिटल लोक अदालत प्लेटफॉर्म के लॉन्च के बाद से 13.5 करोड़ से अधिक मामले अदालत के समक्ष दर्ज किए गए हैं.
70 लाख से ज्यादा नोटिस भेजे गए
न्याय प्रणाली में सभी हितधारकों को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए सुविधाओं और क्षमताओं से भरी एंड-टू-एंड डिजिटल लोक अदालत, कानूनी सेवा प्राधिकरणों के बैक-एंड प्रशासनिक कार्यों को आसान बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुई है.
ईमेल और एसएमएस के जरिए पार्टियों को 70 लाख से ज्यादा नोटिस भेजे गए. पहली डिजिटल लोक अदालत की सफलता के बाद, दूसरी डिजिटल लोक अदालत ने राजस्थान और महाराष्ट्र के 81 जिलों के 633 तालुकाओं से मामले दर्ज किए.
राजस्थान सदस्य सचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा, 'जुपिटिस के साथ भारत की पहली डिजिटल लोक अदालत पर काम करना राजस्थान कानूनी सेवा प्राधिकरण के लिए एक बार फिर महत्वाकांक्षी परियोजना रही है. हमने मिलकर भारतीय न्याय प्रणाली के इतिहास में एक मील का पत्थर गढ़ा है.'
बातचीत से हल हुए हैं विवाद
डिजिटल लोक अदालत में पार्टियों के बीच बातचीत के माध्यम से पैसे की वसूली, बिजली बिल और अन्य बिल भुगतान, दूरसंचार विवाद, बैंक मुकदमे और दीवानी मामलों से संबंधित विवाद हल किए गए हैं.
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