नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने भारतीय लोकतंत्र को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने रविवार को उनके सम्मान में आयोजित एक सम्मान समारोह में लॉ स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र सुरक्षित है. चाहे उस पर कितने ही हमले क्यों न हों.
'कानून के शासन के लिए खड़ी है न्यायपालिका'
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की न्यायपालिका कानून के शासन के लिए खड़ी है. हमारे लोकतंत्र पर या किसी पर भी किसी भी तरह का हमला क्यों ना हो. अगर कोई मामला अदालत में हमारे सामने आता है तो हम केवल कानून के सिद्धांतों और विचारों से निर्देशित होते हैं.
उन्होंने कहा कि अदालत में आया मामला कितना भी खतरनाक प्रकृति की स्थिति का हो सकता है, लेकिन जो कुछ भी हो, जब वो अदालत की सीमा के अंदर प्रवेश करता है तो उसके साथ समान व्यवहार करना चाहिए.
'दोषी है तो उस पर गिरे कानून का सख्त हथौड़ा'
सीजेआई ललित ने कहा कि यदि कोई दोषी है तो उस पर कानून का सख्त हथौड़ा गिरना चाहिए. अगर किसी के साथ अन्याय हुआ है या कोई पीड़ित है तो उसे अदालत की छत के नीचे सुरक्षा मिलनी ही चाहिए. यह न्यायपालिका का कार्य है और हम सभी इसके लिए प्रयास करते हैं.
एक लॉ स्टूडेंट की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जस्टिस ललित ने कहा कि हम लॉ स्टूडेंट के रूप में खुद को याद दिलाते रहते हैं कि हमारा देश कानून से शासित होता है. देश की न्यायपालिका के लिए हमारा आदर्श वाक्य का सबसे पहले प्रयोग गांधारी ने किया था. जब उन्होंने अपने बेटे दुर्योधन को आशीर्वाद दिया था. इसका मतलब है कि जो सही होगा, वही होगा. और हमारा देश इसी तरह के आचार और आदर्श के साथ खड़ा है और न्यायपालिका इससे अलग नहीं है.
'सीजेआई ललित बेहद धार्मिक और सच्चे धर्मनिरपेक्ष'
बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से रविवार को आयोजित सम्मान समारोह में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बी आर गवई ने भी शिरकत की. समारोह में जस्टिस ललित की तारीफ करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि सीजेआई ललित गहरे धार्मिक व्यक्ति हैं, लेकिन वास्तव में वे धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को अपनाते हैं.
समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि सीजेआई ललित बेहद मिलनसार हैं. जस्टिस गवई ने सीजेआई के व्यवहार को लेकर कहा कि जस्टिस ललित तेज दिमाग के साथ-साथ हंसमुख और बहुत ज्यादा पढ़ने वाले इंसान भी हैं. उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि उनके जैसे वकील को संस्कृत का इतना ज्ञान कैसे है.
एक सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में 2 हजार से ज्यादा केस निपटे
बता दें कि जस्टिस यूयू ललित के सीजेआई बनने के बाद आज दूसरा सप्ताह है, जब वे सर्वोच्च अदालत में बैठकर सुनवाई कर रहे हैं. प्रथम सप्ताह के 5 दिनों में सुप्रीम कोर्ट में 2 हजार से अधिक केस निस्तारित किए गए हैं. प्रथम सप्ताह के चार कार्य दिनों में ही 1800 केस डिस्पोज हो चुके थे. इन दिनों में कुल 1293 मिसलेनियस केसों का निस्तारण किया गया था. इनमें भी जस्टिस ललित के सीजेआई बनने के बाद प्रथम दिन 29 अगस्त 493 केस निपटाए गए थे.
जस्टिस ललित के सीजेआई बनने के बाद दूसरे सप्ताह के पहले दिन सुप्रीम कोर्ट में कुल 692 केस सूचीबद्ध किए गए हैं. इनमें से सीजेआई ललित की बेंच के समक्ष ही 70 मामले सूचीबद्ध हैं.
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