क्या स्वामी प्रसाद के बयानों के चलते सपा से नाराज हुए विधायक, नुकसान हो रहा था, बेफिक्र रहे अखिलेश?

क्रॉस वोटिंग को लेकर विधायकों की तरफ से कई वजहें आई हैं जिनमें 'अंतररात्मा की आवाज' भी शामिल है. इस क्रॉस वोटिंग की असली वजह क्या है, यह तो वक्त के साथ सामने आएगा. लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों की वजह से पार्टी के भीतर पैदा हुई नाराजगी भी इसकी एक वजह हो सकती है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 27, 2024, 05:04 PM IST
  • क्रॉस वोटिंग से सपा को नुकसान.
  • अखिलेश ने कही 'एक्शन' की बात.
क्या स्वामी प्रसाद के बयानों के चलते सपा से नाराज हुए विधायक, नुकसान हो रहा था, बेफिक्र रहे अखिलेश?

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के राज्यसभा में चुनाव में भारी क्रॉस वोटिंग हुई है जिसका नुकसान सीधे तौर पर विपक्षी समाजवादी पार्टी को होते हुए दिख रहा है. इस क्रॉस वोटिंग के बाद अखिलेश यादव ने ऐलान भी कर दिया है कि 'ऐसे विधायकों' पर कार्रवाई की जाएगी. इस क्रॉस वोटिंग के पीछे 'डिनर डिप्लोमेसी' और 'सत्ता का प्रभाव' जैसी तमाम बातें कही जा रही हैं. लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं है. 

लगातार विवादित बयान देते रहे स्वामी प्रसाद मौर्य
दरअसल सपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पार्टी छोड़ने के पहले कई ऐसे विवादित बयान दे गए जिसे लेकर सप के भीतर ही काफी नाराजगी थी. आलम यह था कि पार्टी के भीतर स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयानों पर टॉप लीडरशिप से शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस पर लीडरशिप की तरफ से स्वामी प्रसाद को अनर्गल बयानों से दूर रहने की ताकीद भी गई थी. लेकिन नजीता कुछ भी नहीं निकला. पार्टी छोड़ने के पहले तक वह ऐसे बयान देते रहे जिससे सपा के भीतर का एक तबका खासा नाराज रहा. 

शिकायतों की मीडिया में खबरें
स्वामी प्रसाद मौर्य की शिकायतों की खबर मीडिया में भी सामने आई थी. अमेठी के विधायक राकेश सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का प्रखर विरोध किया था. बीच ऐसी भी रिपोर्ट सामने आई थीं कि सपा के ब्राह्मण-ठाकुर विधायक मौर्य के बयानों से असहज महसूस  कर रहे हैं. स्वामी प्रसाद के बयान भी ऐसे थे जिस पर सिर्फ सपा नहीं बल्कि विपक्षी पार्टियों के भीतर भी नाराजगी थी.

एक के बाद एक बयान देते रहे स्वामी प्रसाद मौर्य
उन्होंने पहले रामचरित मानस पर बयान दिया, उसके बाद अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बताया, दीवाली पर विवादित बयान दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि एक धोखा है. उस वक्त कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसे समाजवादी पार्टी की रणनीति से भी जोड़कर बताया गया था. हालांकि सपा के आधिकारिक स्टैंड के रूप में हमेशा स्वामी के बयानों का विरोध ही किया गया.

अखिलेश के निर्देश भी नहीं माने!
लेकिन स्वामी के बयान नहीं रुके. भले ही अखिलेश यादव की तरफ से यह निर्देश रहा हो कि विवादित बयानों से पूरी तरह दूरी बनानी है. लेकिन लोगों के बीच एक संदेश यह भी गया कि स्वामी प्रसाद पर पार्टी की तरफ से एक्शन नहीं लिया जा रहा है. अब अगर मंगलवार को हुई क्रॉस वोटिंग को देखें तो इसमें कुछ ऐसे भी चेहरे हैं जो स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. सपा के लखनऊ में हुए ब्राह्मण सम्मेलन में भी स्वामी के बयानों का मुद्दा प्रखरता से उठा था. 

क्रॉस वोटिंग की वजह से स्वामी के खिलाफ नाराजगी?
खैर, क्रॉस वोटिंग को लेकर विधायकों की तरफ से कई वजहें आई हैं जिनमें 'अंतररात्मा की आवाज' भी शामिल है. इस क्रॉस वोटिंग की असली वजह क्या है, यह तो वक्त के साथ सामने आएगा. लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों की वजह से पार्टी के भीतर पैदा हुई नाराजगी भी इसकी एक वजह हो सकती है.  

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