निर्भया के दोषियों का नया पैंतरा, फांसी रुकवाने के लिए खटखटाया ICJ का दरवाजा

फांसी से 4 दिन पहले निर्भया के दोषियों ने इंटरनेशनल दांव खेलते हुए नया पैंतरा अपनाया है. फांसी रुकवाने के लिये इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी और दखल देने की मांग की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 17, 2020, 07:30 AM IST
    1. फांसी टालने के लिए निर्भया के दोषियों की ICJ में अपील
    2. निर्भया के दोषियों की इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील
    3. फांसी रुकवाने के लिए अक्षय, विनय और पवन ने अपनाया पैंतरा
निर्भया के दोषियों का नया पैंतरा, फांसी रुकवाने के लिए खटखटाया ICJ का दरवाजा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज कर दी है. निर्भया के दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया है. 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है. लेकिन इस बीच फांसी टालने के लिए निर्भया के दोषियों ने नया पैंतरा अपनाया है. दोषियों ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में दखल देने की अपील की है.

निर्भया के गुनहगारों का नया पैंतरा

  • फांसी टालने के लिए निर्भया के दोषियों की ICJ में अपील
  • निर्भया के दोषियों की इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील
  • फांसी रुकवाने के लिए अक्षय, विनय और पवन ने अपनाया पैंतरा

निर्भया मामले के दोषियों के वकील ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखा. पत्र में 20 मार्च की होने वाली फांसी पर रोक की मांग की, साथ ही मांग की है कि निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अदालत अपने पास मंगाए ताकि वो अपना पक्ष अंतराष्ट्रीय अदालत में रख सके.

4 दिन पहले दोषियों ने खेला दांव

तीन दोषियों ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अपील की, फांसी पर रोक लगाने की मांग की है. अक्षय, पवन और विनय ने अपील की है. फांसी से 4 दिन पहले निर्भया के दोषियों का इंटरनेशनल दांव खेला है. फांसी रुकवाने के लिये इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी और दखल देने की मांग की है.

निर्भया के दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया है, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी.

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आपको बता दें, विनय ने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर आरोप लगाते हुए कहा कि "जब मंत्री सत्येंद्र जैन ने उसकी दया याचिका को खारिज करने का सुझाव दिया था उस समय दिल्ली में चुनाव आचार सहिंता लागू थी ऐसे में मंत्री उसकी दया याचिका पर सुझाव कैसे दे सकते थे?"

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