Yashoda Jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है यशोदा जयंती, जानिए इसकी कथा और महत्व

 Yashoda Jayanti 2024: हर साल फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां यशोदा का जन्म हुआ था. आइए जानते हैं, यशोदा जयंती के बारे में:      

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Mar 1, 2024, 07:33 AM IST
Yashoda Jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है यशोदा जयंती, जानिए इसकी कथा और महत्व

नई दिल्लीः Yashoda Jayanti 2024: माताओं के लिए यशोदा जयंती का पर्व बेहद खास होता है. इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनकी मंगल कामना के लिए व्रत करती हैं. यशोदा जयंती भगवान कृष्ण की माता, माता यशोदा के जन्मदिन का उत्सव है. यह हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. आज यानी शुक्रवार 1 मार्च को यशोदा जयंती मनाई जाएगी. आइये जानते हैं यशोदा जयंती का इतिहास और महत्व के बारे में:

क्यों मनाई जाती है यशोदा जयंती
माता यशोदा का जन्म मथुरा के राजा वृषभानु और उनकी पत्नी कल्याणवती के घर हुआ था. उनका विवाह नंद बाबा से हुआ था, जो गोकुल के राजा थे. भगवान कृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव के घर हुआ था, लेकिन कंस, देवकी का भाई, उन्हें मारने के लिए संकल्प किया था. इसलिए, भगवान कृष्ण को यशोदा और नंद बाबा के घर में लाया गया और उनका पालन-पोषण किया गया. माता यशोदा ने भगवान कृष्ण को बहुत प्यार और स्नेह दिया.  

यशोदा जयंती का महत्व
फाल्गुन माह साल का आखिरी और विशेष महीना माना जाता है. इस माह में भगवान श्रीकृष्ण के तीन रूपों की विशेष रूप से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने से निसंतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त होता है. 

इस दिन भक्त माता यशोदा और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. वे व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का गायन करते हैं. माता यशोदा का वात्सल्य सभी माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. यह दिन भक्तों के लिए भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने का अवसर है.

यशोदा जयंती कैसे मनाई जाती है
भक्त माता यशोदा और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. मां यशोदा को मिष्ठान और भगवान कृष्ण को मक्खन का भोग लगाएं. कई भक्त इस दिन व्रत रखते हैं. वे केवल पानी या फल का रस पीते हैं. भक्त भगवान कृष्ण के भजन गाते हैं और उनकी बाल लीलाओं का गायन करते हैं. कुछ स्थानों पर, लोग नृत्य और उत्सव के माध्यम से यशोदा जयंती मनाते हैं.
 
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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