कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर, जिन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल तो उनके बेटे को मिलेगा वायु सेना मेडल, पहली बार होगा ऐसा

भारत में पहली बार मां और बेटे को सैन्य सेवाओं में असाधारण साहस के लिए एक साथ राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित किया जाएगा. गणतंत्र दिवस के मौके पर आज यानी 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर और उनके बेटे तरुण नायर को सम्मानित करेंगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2025, 11:25 AM IST
  • कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर
  • पति भी सशस्त्र बलों से हो चुके हैं रिटायर
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर, जिन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल तो उनके बेटे को मिलेगा वायु सेना मेडल, पहली बार होगा ऐसा

नई दिल्लीः भारत में पहली बार मां और बेटे को सैन्य सेवाओं में असाधारण साहस के लिए एक साथ राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित किया जाएगा. गणतंत्र दिवस के मौके पर आज यानी 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर और उनके बेटे तरुण नायर को सम्मानित करेंगी. 

जहां लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर को अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जाएगा, वहीं उनके बेटे फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर को बहादुरी के लिए वायु सेना मेडल दिया जाएगा. 

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर

लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर आर्मी की मेडिकल सर्विस में डायरेक्टर जनरल हैं और वह इस पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं. वह 31 जुलाई 2024 को इस पद पर पहुंची थीं. इससे पहले वह अक्तूबर 2023 में उनको आर्म्ड फोर्सेज की हॉस्पिटल सर्विसेज की डायरेक्टर जनरल बनाया गया था. वह वायुसेना में एयर मार्शल रैंक तक पहुंचने वाली दूसरी महिला मेडिकल ऑफिसर हैं. 

पति भी सशस्त्र बलों से हो चुके हैं रिटायर

उन्होंने 1985 में वायुसेना ज्वाइन की थी. वह पुणे के आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएट हैं और फैमिली मेडिसिन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. उन्होंने दिल्ली एम्स में ट्रेनिंग लेने के साथ-साथ स्विट्जरलैंड से भी पढ़ाई की है. उनके पति केपी नायर भी आर्म्ड फोर्स में थे. वह 2015 में  इंस्पेक्शन एंड फ्लाइट सेफ्टी के डीजी पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. खास बात यह है कि साधना और केपी नायर दोनों एयर मार्शल रैंक तक पहुंचने वाले देश के पहले कपल भी हैं.

बेटे को भी राष्ट्रपति से सम्मान का ऐलान

वहीं उनके बेटे फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर को मिग-29 विमान को कठिन हालात में दुर्घटना से बचाने और नागरिक जीवन बचाने के लिए 'वायु सेना पदक' (शौर्य) से सम्मानित किया गया है. दरअसल 12 मार्च 2024 को तरुण नायर ने मिग-29 विमान में उड़ान भरी थी, लेकिन 1.3 किमी की कम ऊंचाई पर उनको कई फेल्योर के संकेत मिले. आपातकालीन कार्रवाई करने से पहले हालात तेजी से बिगड़ गए. आलम यह था कि कंट्रोल स्टिक अपने एकदम बाईं और पीछे की स्थिति में चली गई. डिस्प्ले के साथ ही संबंधित ऑडियो और दृश्य चेतावनी भी आ रही थी. 

कठिन हालात में भी उन्होंने धैर्य बनाए रखा और त्रुटिहीन अप्रोच के साथ लैंडिंग की. उन्होंने भारतीय वायुसेना की एक बहुमूल्य युद्ध संपत्ति को नुकसान होने से बचाया और एक संभावित दुर्घटना को टाल दिया.

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