भारत की पॉवर से घबराया अमेरिका, तेजस MK 1A फाइटर जेट प्रोग्राम में फंसा दिया पेंच!

 India TEJAS MK 1A Fighter Jet Program: भारत ने अमेरिका के एफ-16 और चीन के जेएफ-17 के टक्कर का तेजस MK 1A फाइटर जेट बनाया, लेकिन अब इसके आगे के विकास में अमेरिका रोड़ा बन रहा है. अमेरिका भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से असहज नजर आ रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2025, 04:54 PM IST
  • अमेरिकी कंपनी डिलीवर नहीं कर रही इंजन
  • अप्रैल 2025 तक मिल सकती है डिलीवरी
भारत की पॉवर से घबराया अमेरिका, तेजस MK 1A फाइटर जेट प्रोग्राम में फंसा दिया पेंच!

नई दिल्ली: India TEJAS MK 1A Fighter Jet Program: भारत अपने डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत करता जा रहा है. इसके लिए कई आधुनिक सैन्य उपकरण बनाए जा रहे हैं. अब तक इन हाईटेक उपकरणों से पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन ही घबराया करते थे, लेकिन अब अमेरिका भी असहज हो गया है. अमेरिका को डर सताने लगा है कि कहीं भारत सैन्य मजबूती में उन्हें भी न पछाड़ दे. यही कारण है कि तेजस MK 1A फाइटर प्रोग्राम में अमेरिका ने रोड़ा डाल दिया है.

इंजन की नहीं हो रही डिलीवरी
तेजस MA 1A विमान को संचालित करने के लिए F404 इंजन की जरूरत है इस इंजन को अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक्स कंपनी बनाती है. भारत ने इसके लिए अमेरिका से पहले ही डील कर ली थी. तब अमेरिकी कंपनी ने 2023 के आखिर तक इंजन की डिलीवरी करने की बात कही थी. लेकिन अब ये डिलीवरी डेट अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी गई है. अमेरिका इस इंजन की डिलीवरी में लगातार देरी करता जा रहा है.

थ्योरी: अमेरिका भारत की ताकत से इनसिक्योर
अमेरिका इसकी डिलीवरी में देरी क्यों कर रहा है? यह सवाल हर किसी के मन में आ रहा होगा. देरी के पीछे के कारण की थ्योरी यही बताई जा रही है कि अमेरिका भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से इनसिक्योर हो रहा है. दरअसल, भारत के तेज को देखने के बाद कई मुल्कों ने अपने पुराने विमान रिप्लेस करने की बात ठानी हैं. वे अपने पुराने विमान तेजस से बदलना चाहते हैं. इससे सीधा असर अमेरिका के एफ-16 लड़ाकू विमान की बिक्री पर पड़ेगा. चीनी का जेएफ-17 पहले से ही अमेरिकी विमान को कड़ी टक्कर दे रहा है, अब तेजस मार्केट में अधिक कंपटीशन पैदा कर सकता है. भारत का तेजस चीन और अमेरिका के विमान से सस्ता और दमदार है.

भारत ने अमेरिकी कंपनी पर लगाया जुर्माना
अमेरिकी कंपनी ने भारत को इंजन डिलीवर करने में देर कर दी, इस कारण भारत के रक्षा मंत्रालय ने जनरल इलेक्ट्रॉनिक्स पर जुर्माना भी लगाया है. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि कंपनी ने इसमें जानबूझकर देरी की है या नहीं. बताते चलें कि तेजस का परीक्षण उड़ान जनवरी 2001 में हुआ. फिर 20 फरवरी, 2019 को एयरो इंडिया एयर शो में इसके अंतिम परिचालन स्वीकृति मिल गई थी.

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