Countries Without Army: दुनिया के इन 5 देशों में नहीं फौज, फिर कैसे करते हैं खुद की रक्षा?

Countries Without Army: अक्सर हम ये मानकर चलते हैं कि दुनिया के तमाम देशों के पास अपनी-अपनी फौज होती होगी. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जिनके पास खुद कि सेना नहीं है. चलिए, ऐसे 5 देशों के बारे में जानते हैं, जिनके पास अपनी आर्मी नहीं है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2025, 10:15 PM IST
  • मॉरीशस के पास नहीं खुद की सेना
  • इनके पास महज 10 हजार पुलिसकर्मी
Countries Without Army: दुनिया के इन 5 देशों में नहीं फौज, फिर कैसे करते हैं खुद की रक्षा?

नई दिल्ली: Countries Without Army: दुनिया में कई देश हैं, जो एक दूसरे से लड़ रहे हैं. मिडिल में चल रही जंग में वहां के तमाम देश युद्ध के मैदान में कूदे हुए हैं. इधर रूस और यूक्रेन के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जो जंग के मैदान से दूर इत्मीनान से जी रहे हैं. इन देशों के पास खुद की सेना तक नहीं है. इन देशों के पास फौज ही नहीं है, लिहाजा ये युद्ध भी नहीं लड़ सकते. न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी. आइए, ऐसे ही 5 देशों के बारे में जानते हैं.

ग्रेनाडा
ग्रेनाडा कैरेबियन सागर में स्थित है. यह लेसर ईंट एंटिल्स के उत्तरी भाग में एक छोटा- द्वीप है. इस पर साल 1983 में अमेरिकी सेना ने अटैक किया, इसके बाद से ही इस द्वीप के पास खुद की सेना नहीं है. हालांकि, यहां पर रॉयल ग्रेनाडा नामक एक पुलिस फोर्स है, जो तट रक्षक के तौर पर कार्यरत है.

मॉरीशस 
हिंद महासागर के मॉरीशस के पास भी खुद की सेना नहीं है. यहां पर 13 लाख लोगों की आबादी है. इस देश ने साल 1968 में यूनाइटेड किंगडम से आजादी पाई. मॉरीशस के पास खुद की कोई सशस्त्र सेना नहीं है. हालांकि, इस देश के पास पुलिस बल और अर्धसैनिक इकाई है, इसे स्पेशल मोबाइल फोर्स नाम दिया गया है. इस देश में महज 10 हजार पुलिसकर्मी ही हैं, आंतरिक और बाहरी सुरक्षा इनके जिम्मे ही है.

कोस्टा रिका 
कोस्टा रिका को मध्य अमेरिका का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. यहां पर साल 1948 में एक भीषण गृहयुद्ध हुआ, इसके बाद से ही यहां पर सेना की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था. इसका मतलब है कि 1949 के बाद से कोस्टा रिका के पास सशस्त्र बल नहीं है. आंतरिक मामलों से निपटने के लिए इस देश के पास पुलिस जरूर है. 

मोनाको
मोनाको को दुनिया का दूसरा सबसे छोटा राज्य कहा जाता है. यह फ्रांसीसी भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है. इस देश को टैक्स हेवन के तौर पर भी जाना जाता है. इस छोटे देश की आबादी 38 हजार के आसपास ही है. यहां पर 17वीं शताब्दी के बाद से कोई सेना नहीं है. यहां दो छोटे सैनिक हैं, जिनमें से एक राजकुमार और एक नागरिक की रक्षा करता है. फ्रांसीसी सेना इन्हें सुरक्षा देती है. 

आइसलैंड 
आइसलैंड यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है. यह अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. यह देश नाटो का भी सदस्य है, लेकिन यहां पर साल 1869 से ही सेना नहीं है. चूंकि, यह नाटो सदस्य है इसलिए इसकी सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका ने ही उठा रखा है.

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