नई दिल्ली: China Intelligence Agency MSS: दुनिया के करीब-करीब सभी देशों के पास खुफिया या इंटेलिजेंस एजेंसी है. भारत के पास इसके लिए Research Analysis Wing (RAW) है, जिसने कई बड़े-बड़े मिशन को अंजाम दिया है. इसी तरह पाकिस्तान के पास Inter Services Intelligence (ISI) है, जो भारत के खिलाफ साजिश रचने की नाकाम कोशिश करती रहती है. लेकिन आपने शायद ही चीन की खुफिया एजेंसी के बारे में सुना होगा, चलिए इसके बारे में जानते हैं...
चीन की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS)
चीन के सुरक्षा विभाग का नाम मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) है. इसे साल 1983 में स्थापित किया गया था. इस विभाग की जिम्मेदारी चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा करना है.ये एजेंसी आतंकवाद और साइबर हमलों का मुकाबला करती है. यह राजनीतिक और आर्थिक खुफिया जैसे कार्यों में शामिल होती है. खास बात ये है कि चीन में कैबिनेट के तहत जो मंत्रालयों काम करते हैं, ठीक उसी तरह MSS भी काम करता है.
MSS देश-विदेश में चलाती है जासूसी ऑपरेशन
चीन की खुफिया एजेंसी MSS देश और विदेश में काम करती है. इसकी नेटवर्किंग भी काफी मजबूत है. MSS एजेंसी 2017 में लागू किए गए राष्ट्रीय खुफिया कानून के तहत देश और विदेश में जासूसी गतिविधियां संचालन करती है. MSS चीन में स्थित संस्थाओं पर निगरानी रखती है. विदेशी व्यक्तियों और संस्थाओं पर भी ये नजर रखती हैं.
MSS को वही अधिकार, जो चीन की पुलिस को
चीन की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) को अधिकार है कि ये देश के किसी भी व्यक्ति को 15 दिनों तक प्रशासनिक हिरासत में ले सकती है. ये ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई करती है, जो खुफिया तंत्र के काम या जानकारी को बाधित करने की कोशिश करते हैं. चीन की पुलिस को जो अधिकार मिले हैं, ठीक वैसे ही अधिकार मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) को भी मिले हैं.
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