Chanakya Niti: अन्न का सम्मान करें कभी नहीं होती धन की कमी, जानिए क्या कहतें हैं आचार्य चाणक्य

Chanakya Niti: चाणक्य ने मानव कल्याण के लिए चाणक्य नीति का निर्माण किया, जिसमें वे राजनीति, युद्ध और लोगों के साथ समानता बनाए रखने का मार्गदर्शन करते हैं. उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में मानव जीवन के कई पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला है.     

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Feb 27, 2024, 10:19 AM IST
  • जीवन की अच्छी और बुरी दोनों स्थितियों
  • सफलता मिलना मुश्किल
Chanakya Niti: अन्न का सम्मान करें कभी नहीं होती धन की कमी, जानिए क्या कहतें हैं आचार्य चाणक्य

नई दिल्लीः Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को सिर्फ किताबी विषयों का ही नहीं बल्कि जीवन की अच्छी और बुरी दोनों स्थितियों का भी अनुभव था. उन्होंने जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. चाणक्य ने मानव कल्याण के लिए चाणक्य नीति का निर्माण किया, जिसमें वे राजनीति, युद्ध और लोगों के साथ समानता बनाए रखने का मार्गदर्शन करते हैं. उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में मानव जीवन के कई पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला है. चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सदाचारी व्यक्ति का भी विस्तार से उल्लेख किया है. उनके अनुसार व्यक्ति में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो उसे सफल बनाते हैं और देवी लक्ष्मी भी ऐसे लोगों से प्रसन्न रहती हैं.

भोजन का सम्मान
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन घरों में हमेशा अन्न का सम्मान किया जाता है, वहां कभी किसी चीज की कमी नहीं होती. माता लक्ष्मी की कृपा से ऐसे घरों के भंडार हमेशा भरे रहते हैं. जिन घरों में अन्न का सम्मान नहीं होता या अन्न की बर्बादी होती है वहां माता लक्ष्मी और अन्नपूर्णा कभी निवास नहीं करतीं.

जहां बुद्धिमान लोगों का सम्मान किया जाता है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को हमेशा ज्ञानी लोगों की संगति करनी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए. आचार्य चाणक्य भी कहते हैं कि माता लक्ष्मी स्वयं उन घरों में आती हैं जहां बुद्धिमान व्यक्ति का सम्मान किया जाता है. मूर्ख लोग आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

ये आदत है गलत
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुछ लोगों की आदत होती है कि वह अपने लक्ष्य दूसरों को बता देते हैं. क्योंकि जो व्यक्ति सबके सामने अपने लक्ष्य के बारे में बता देता है, उसे सफलता मिलना मुश्किल होता है.  

कभी न मानें हार
व्यक्ति को कभी भी केवल अपने भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन के जरिए ही अपना भाग्य बनाता है. इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कितनी भी कठिन परिस्थिति हो, इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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