Panchang: गुरुवार से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Panchang: आज से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है. नवरात्रि में देवी माता के नौ रूपों की अलग-अलग दिन पूजा होती है. प्रत्येक पूजा का एक अलग ही महत्व है. जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्तः

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 29, 2022, 08:54 PM IST
  • मां दुर्गा के 9 रूपों की होती है पूजा
  • नवरात्र में मां दुर्गा को लगाएं ये भोग
Panchang: गुरुवार से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नई दिल्लीः Aaj Ka Panchang: आज से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है. नवरात्रि में देवी माता के नौ रूपों की अलग-अलग दिन पूजा होती है. प्रत्येक पूजा का एक अलग ही महत्व है. साल में तीन नवरात्रि आती है. अश्विन और चैत्र माह की नवरात्रि बहुत ही प्रसिद्ध है, जबकि आषाढ़ माह की नवरात्रि साधकों के लिए, साधुओं के लिए, संन्यासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 

मां दुर्गा के 9 रूपों की होती है पूजा
पूजा का पाठ का तरीका वही है. तीनों नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. आज मैं आपको देवी को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही सरल उपाय बता रहा हूं. प्रत्येक दिन मात्र उपाय करें. देवी की पसंद के अनुसार पूजा पाठ के बाद भोग लगा दीजिए.

नवरात्र में मां को लगाएं ये भोग
पहला दिन - घी का भोग लगाएं और दान करें, बीमारी दूर होती है.
दूसरा दिन - शक्कर का भोग लगाएं और उसका दान करें, आयु लंबी होती है.
तीसरा दिन - दूध का भोग लगाएं और इसका दान करें, दुरूखों से मुक्ति मिलती है.

चौथा दिन  - मालपुए का भोग लगाएं और दान करें, कष्टों से मुक्ति मिलती है.
पांचवां और छठा पूजा - केले व शहद का भोग लगाएं व दान करें, परिवार में सुख-शांति रहेगी और धन प्राप्ति के योग बनते हैं.

सातवां दिन - गुड़ की चीजों का भोग लगाएं और दान भी करें, गरीबी दूर होती है.
आठवां दिन - नारियल का भोग लगाएं और दान करें, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
नौवां दिन- अनाजों का भोग लगाएं और दान करें ,सुख-शांति मिलती है.

आज का पंचांग
आषाढ़ - शुक्ल पक्ष - प्रतिपदा तिथि - गुरुवार
नक्षत्र - पुनर्वसु नक्षत्र 
महत्वपूर्ण योग- ध्रुव योग 
चन्द्रमा का मिथुन के उपरांत 18:22 पर कर्क राशि पर संचरण

आज का शुभ मुहूर्त - 12.03 बजे से 12.57 बजे तक
राहु काल- 02.11 बजे से 03.51 बजे तक

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 7.31 बजे से 9.47 बजे तक है.

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
जौ के आटे का एक पिंड बनाएं और उसे केले के पत्ते पर रखकर उस पर दूध, दही, गुड़ और केसर को एक पात्र में अर्पित करें. उसके बाद एक घी दीपक प्रज्वलित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.

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