Japan News: जापानी दफ्तरों में ‘सुंदर रोने वाले लड़के’ का विचार हिरोकी टेकाई द्वारा शुरू किया गया. वह टोक्यो में रोने वाली वर्कशॉप (Crying Workshops) के संस्थापक हैं.
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World News in Hindil: जापान में कंपनियां अपने कर्मचारियों के तनाव कम करने और उन्हें हौंसला देने के लिए ‘खूबसूरत रोने वाले लड़कों’ को काम पर रख रही हैं. ये लड़के पहले कर्मचारियों को रुलाते हैं और फिर उनके साथ रोते हैं और उन्हें सांत्वना देते हैं. यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इस अजीबो गरीब तरीके के लिए भी एक तर्क है.
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक जापानी दफ्तरों में ‘सुंदर रोने वाले लड़के’ का विचार हिरोकी टेकाई द्वारा शुरू किया गया. वह टोक्यो में रोने वाली वर्कशॉप (Crying Workshops) के संस्थापक हैं. इस प्रैक्टिस का कॉन्सेप्ट लोगों को एक साथ लाना है ताकि वे अपना भावुक पक्ष दिखा सकें और एक टीम के रूप में बेहतर काम कर सकें.
टेकाई ने बीबीसी को बताया, ‘जापानी लोगों को दूसरों के सामने रोने की आदत नहीं है. लेकिन एक बार जब आप दूसरों के सामने रोएंगे, तो माहौल बदल जाएगा, खासकर बिजनेस में.’
'सुंदर रोने वाले लड़के': रोने में भागीदार
इन रोते हुए लोगों को इकेमेसो दंशी के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब होता है ‘सुंदर रोने वाला लड़का’.
इकेमेसो बेहद प्रोफेशनल होते हैं. किसी दरफ्तर में अपने काम की शुरुआत में वह कर्मचारियों उनके काम के रूम से अलग दूसरे कमरे में एक दुखद फिल्म दिखाते हैं. ये फिल्में ज्यादातर प्यारे छोटे पालतू जानवरों के घायल होने या अकेले छोड़ दिए जाने या पिता-बेटी के रिश्तों के बारे में होती हैं.
एक बार जब कमरे में सभी लोग रोना या सिसकना शुरू कर देते हैं, तो इकेमेसो दंशी एक बड़े सूती रूमाल के साथ घूमते हैं और धीरे से लोगों के चेहरे से आंसू पोंछते हैं. फिर वह हर शख्स को ड्राई पैच देने के लिए रूमाल को दोबारा मोड़ते हैं.
कंपनियां, जो इन रोने वाले पुरुषों को काम पर रखना चाहती हैं, सुंदर पुरुषों के सलेक्शन में ये चुनाव करती हैं. कुछ लोग इसे फुल टाइम जॉब के रूप में अपनाते हैं जबकि अन्य इसे पार्ट टाइम आधार पर भी करते हैं.
जापान में, विशेष रूप से टोक्यो में अधिक से अधिक कंपनियों ने इसी तरह के प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. जापान में, रेंट-ए-फ्रेंड सेवा पहले से ही उपलब्ध है, जहां आप एक या दो सत्र के लिए किसी व्यक्ति को अपना मित्र बनने के लिए किराए पर ले सकते हैं.
केवल पुरुष ही क्यों?
टेकाई के अनुसार, रोने की कार्यशालाओं का नेतृत्व मुख्य रूप से सुंदर पुरुषों द्वारा किया जाता है ताकि रोते हुए पुरुषों की इमेज को मुख्यधारा में लाया जा सके. जब पूछा गया कि केवल अच्छे दिखने वाले लोग ही क्यों, तो टेकाई ने बीबीसी को बताया कि उनका मानना है कि ‘ऐसा इसलिए है क्योंकि यह दैनिक जीवन से बहुत अलग है. यह रोमांचक है.’
कई कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि अधिकांश जापानी लोग एक्सप्रेसिव नहीं हैं और शायद ही कभी वे अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं. रोने की ये वर्कशॉप वास्तव में लोगों को बिना शर्म के जोर से रोने में मदद कर रही हैं, जो सार्वजनिक सेटिंग्स में भावनाओं को खुले तौर पर व्यक्त करने से जुड़े सामाजिक कलंक से बचने में मदद करती है.