Israel Hamas War: 'हमास को हथियार देना बंद करे ईरान, इजरायल को...' UN के मंच से अमेरिका का ओपन चैलेंज
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Israel Hamas War: 'हमास को हथियार देना बंद करे ईरान, इजरायल को...' UN के मंच से अमेरिका का ओपन चैलेंज

Middle East News: इजरायल के हमास के खात्मे के संकल्प के पीछे पूरी मुस्तैदी से खड़े अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से तमाम आलोचनाओं के बीच ईरान को धमकी देते हुए ये बड़ा बयान दिया है.

Israel Hamas War: 'हमास को हथियार देना बंद करे ईरान, इजरायल को...' UN के मंच से अमेरिका का ओपन चैलेंज

US Veto in UN on Israel: अमेरिका ने इजरायल की आत्मरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव डाला है. इसके साथ ही अमेरिका ने यूएन के मंच से मांग की है कि ईरान, हमास सहित पूरे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा बने अन्य सभी आतंकवादियों की मदद और उन्हें हथियार मुहैया कराना तत्काल प्रभाव से बंद करे. वरना इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मसौदा पेश किया, जिसमें कहा गया है कि इजरायल को अपनी आत्मरक्षा करने का पूरा अधिकार है. इसी दस्तावेज में ईरान पर दबाव बनाते हुए ये मांग की गई है वो 'मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया' में शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले चरमपंथी और आतंकवादी समूहों की आर्थिक मदद और उन्हें हथियार देना फौरन बंद कर दे.

मसौदे पर होगी वोटिंग!

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी प्रस्ताव में कहा गया है कि आतंकवादी हमलों का जवाब देते समय अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए और गाजा में जरूरी सामान की डिलीवरी निर्बाध और निरंतर तरीके से पहुंचती रहे. हालांकि फिलहाल ये साफ नहीं है कि अमेरिका की अपने इस मसौदा प्रस्ताव को वोटिंग के लिए रखने की योजना है या नहीं. दरअसल नियमों के मुताबिक किसी प्रस्ताव के पारित होने के लिए इसके पक्ष में कम से कम 9 वोटों की आवश्यकता होती है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस द्वारा वीटो नहीं करना होता है.

अमेरिका का ईरान के खिलाफ ये आक्रामक रुख हाल ही में ब्राजीलियाई मसौदे वाले उस मसौदे को वीटो करने के बाद देखने को मिला, जिसमें गाजा में जरूरतमंदों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने के लिए मानवीय आधार पर ठहराव की बात कही गई थी. इस दौरान गाजा पट्टी तक मदद पहुंचाने की इजाजत देने के लिए इजरायल द्वारा सेफ पैकेज देने और इजरायल-हमास के बीच जारी संघर्ष में मानवीय कदम उठाने का आह्वान किया गया था.

ईरान की प्रतिक्रिया का इंतजार

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन इस मसौदे को लेकर अभी तक कोई जवाब या प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि कूटनीति के जानकारों का मानना है कि ईरान, हमास को समर्थन देने के अलावा एक अन्य फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन इस्लामिक जिहाद को फंडिंग और हथियार देता है. हिजबुल्लाह और अन्य प्रतिबंधित संगठनों को भी ईरान मदद पहुंचाता है. हालांकि इजरायल पर हुए हमले के फौरन बाद संयुक्त राष्ट्र में ईरान के अधिकारी ने 8 अक्टूबर को बयान दिया था कि इजरायल पर हुए हमास के हमले में तेहरान का हाथ नहीं था.

अमेरिका ने जताई नाराजगी

यूएन में तैनात अमेरिकी एंबैसडर लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र अमेरिका इस बात से निराश है कि ब्राजील के मसौदे में इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का उल्लेख नहीं किया गया है. अमेरिकी मसौदे कहा गया है कि संस्थापक संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत इजरायल के पास ऐसा अधिकार है. अनुच्छेद 51 सशस्त्र हमले के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए देशों के व्यक्तिगत या सामूहिक अधिकार को शामिल करता है. 

ऐसे में अमेरिका ने दोहराया है कि उस पर उंगली उठाने वालों को ये समझ लेना चाहिए कि इजरायल को भी अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है.

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