US President Election: निक्‍की हेली, विवेक रामास्वामी… एक रेस में, दूसरा बाहर! राष्ट्रपति चुनाव में भारतवंशियों का क्‍या होगा
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US President Election: निक्‍की हेली, विवेक रामास्वामी… एक रेस में, दूसरा बाहर! राष्ट्रपति चुनाव में भारतवंशियों का क्‍या होगा

US Presidential Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में दो भारतवंशियों का नाम प्रमुखता से उभरा है. निक्‍की हेली अब भी रेस में बनी हुई हैं. हालांकि, विवेक रामास्वामी दौड़ से बाहर हो गए हैं.

US President Election: निक्‍की हेली, विवेक रामास्वामी… एक रेस में, दूसरा बाहर! राष्ट्रपति चुनाव में भारतवंशियों का क्‍या होगा

2024 United States primary elections: आईओवा में रिपब्लिकन प्राइमरी के नतीजों ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से विवेक रामास्वामी को बाहर कर दिया. साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्‍की हेली जरूर रेस में बनी हुई हैं. 19% वोटों के साथ हेली तीसरे स्थान पर रहीं. यहां से डोनाल्‍ड ट्रंप ने पहले प्राइमरी में 51% वोट हासिल कर नॉमिनेशन लगभग कंफर्म कर दिया है. रामास्वामी को सिर्फ 7.7% वोट मिले और वह रेस से बाहर हो गए. हेली का भविष्‍य अब ट्रंप के विरोधियों पर निर्भर करेगा. दूसरा रास्ता यह है कि किसी तरह ट्रंप की उम्मीदवारी ही खत्म हो जाए. वहीं, रामास्वामी लगातार ट्रंप जैसा रुख ही अपनाते आए हैं. अब उनका भविष्य ट्रंप की सफलता पर निर्भर करेगा. सोमवार को विवेक ने ट्रंप का समर्थन करते हुए रेस से हटने का फैसला किया.

अब भी पूरा हो सकता है हेली का सपना

व्‍हाइट हाउस में पहुंचने का निक्‍की हेली का सपना अब भी जिंदा है. रिपब्लिकन पार्टी (GOP) के भीतर हेली अब टॉप भारतीय-अमेरिकी नेता हैं. वह ईसाई हैं लेकिन भारतीय जड़ों को भी स्वीकार करती हैं. साउथ कैरोलिना की गवर्नर रहने के अलावा वह संयुक्त राष्ट्र (UN) में अमेरिका की राजदूत रही हैं जो कैबिनेट लेवल की पोजीशन है. उनकी राजनीतिक पोजीशन पुराने रिपब्लिकन नेताओं से मिलती-जुलती है। वह टैक्स में कटौती, कर्ज में कमी और केंद्रीय खर्च में जिम्मेदारी की वकालत करती हैं, वह यूक्रेन और इजरायल दोनों का साथ देने की बात करती हैं. गैरकानूनी इमीग्रेशन पर ट्रंप जितने कड़े कदम तो नहीं, मगर कार्रवाई का वादा करती हैं. निक्‍की का टारगेट स्‍वतंत्र वोटर्स हैं. वह उन डेमोक्रेट्स को भी लुभा रही हैं जो राष्ट्रपति जो बाइडेन से तंग आ चुके हैं लेकिन ट्रंप को भी पसंद नहीं करते.

हेली के आगे चुनौती यह है कि GOP के भीतर ट्रंप-विरोधी खेमा उतना मजबूत नहीं. प्राइमरी में ट्रंप ने काफी ज्यादा बढ़त ले रखी है. ट्रंप की राजनीति का विरोध करने हेली को वह उपराष्‍ट्रपति बनाने पर भी राजी नहीं होंगे. 

विवेक के लिए भी बंद नहीं हुए दरवाजे

साल भर पहले तक विवेक को शायद आम जनता जानती तक नहीं थी. उन्होंने अपना प्रचार अभियान खुद से फंड किया है. वह अपनी हिंदू विरासत पर गर्व करती हैं. उनका प्रचार अभियान ट्रंप और न्‍यू रिपब्लिकन पार्टी के जैसा ही रहा. सोमवार के फैसले के बाद, रामास्वामी के पास कई विकल्प हैं. वे चाहें तो ट्रंप प्रशासन में बड़ा पद ले सकते हैं, उपराष्‍ट्रपति के उम्मीदवार भी बन सकते हैं, या फिर यूएस सीनेट में जगह ले सकते हैं. 

निक्‍की हेली और विवेक रामास्वामी का सियासी भविष्‍य जो भी हो, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले रिपब्लिकन उम्मीदवार के लिए दो भारतवंशियों का उभार अमेरिका में भारतीयों के बढ़ते राजनीतिक रसूख का प्रतीक है. भारतीय देश की नंबर 2 कुर्सी (उप राष्ट्रपति) तक पहुंच चुके हैं, उसपर फिलहाल कमला हैरिस विराजमान हैं. व्हाइट हाउस में भारतीय मूल के किसी व्यक्ति के पहुंचने का इंतजार जारी है.

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