फेडरल रिजर्व ने बढ़ती मुद्रास्फीति के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है. फेडरल रिजर्व ने बुधवार को करीब 28 वर्षों में सबसे आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की है. फेडरल की तरफ से उधार दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की गगई है.
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Big Decision from US Federal Reserve: फेडरल रिजर्व ने बढ़ती मुद्रास्फीति के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है. फेडरल रिजर्व ने बुधवार को करीब 28 वर्षों में सबसे आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की है. फेडरल की तरफ से उधार दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की गगई है. फेड की नीति-निर्धारण फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि, यह फैसला मुद्रास्फीति को अपने 2 प्रतिशत उद्देश्य पर वापस लाने के लिए किया गया है. फेडरल इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है और प्रमुख दर को जारी रखने की उम्मीद करता है.
बता दें कि अमेरिका में मुद्रास्फीति 40 साल में अपने उच्चतम स्तर पर है. मई में मुद्रास्फीति की दर 8.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी. ऐसे में महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक की तरफ से यह कदम उठाया गया है. कुछ समय पहले तक केंद्रीय बैंक 0.5 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी देने के लिए तैयार था, लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना था कि मुद्रास्फीति में तेजी से वृद्धि ने फेडरल को कर्व के पीछे डाल दिया है, जिसका अर्थ है कि मुद्रास्फीति से निपटने के अपने संकल्प को साबित करने के लिए उसे दृढ़ता से काम करने की आवश्यकता है. मालूम हो कि नवंबर 1994 के बाद इतनी वृद्धि की गई है.
फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल केंद्रीय बैंक की योजनाओं पर अधिक जानकारी देने के लिए जल्द ही बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जो आने वाली बैठकों में नीति निर्माताओं के और आक्रामक होने के संकेतों के रूप में देखा जाएगा. समिति के सदस्य अब संघीय निधि दर को 3.4 प्रतिशत पर समाप्त होते हुए देख रहे हैं, जो औसत तिमाही पूर्वानुमान के अनुसार मार्च के 1.9 प्रतिशत प्रोजेक्शन से ऊपर है. वे यह भी उम्मीद करते हैं कि फेड का मुद्रास्फीति सूचकांक वर्ष के अंत तक बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो जाएगा, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 2022 में पिछले 2.8 प्रतिशत पूर्वानुमान से 1.7 प्रतिशत तक धीमी हो जाएगी.
एफओएमसी ने नोट किया कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के प्रभाव से मुद्रास्फीति ऊपर जा रहा है. साथ ही इस युद्ध की वजह से वैश्विक आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं. रही सही कसर चीन में चल रहे कोविड-19 लॉकडाउन ओर जीरो कोरोना पॉलिसी से निकल रही है. ऐसे में मुद्रास्फीति के और बढ़ने की संभावना है.