Starlink: हिंसा से जूझ रहे मणिपुर से बड़ी खबर है कि वहां पर उग्रवादी ग्रुप स्टारलिंक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इंटरनेट की पाबंदियों से बचने के लिए उस सर्विस के इस्तेमाल किया जा रहा है जो भारत में सुरक्षा कारणों की वजह से प्रतिबंधित है.
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Starlink in Manipur: मणिपुर में जारी संघर्ष के बीच वहां पर स्टारलिंग के इस्तेमाल की खबरें आ रही हैं. सुरक्षा अधिकारियों और उग्रवादी समूहों ने पुष्टि की है कि स्टारलिंक सर्विस सरकार के ज़रिए लगाई गई इंटरनेट पाबंदी को बायपास करने में मदद कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में सुरक्षा कारणों से स्टारलिंक सर्विस को लाइसेंस नहीं मिला है लेकिन यह म्यांमार में वैध है, जो मणिपुर की सीमा से सटा हुआ है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने खदशा जाहिर किया है कि स्टारलिंक डिवाइस म्यांमार से तस्करी के जरिए लाई गई है. उन्होंने कहा कि यह डिवाइस म्यांमार सरहद के पास काम कर रही है.
मणिपुर के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) नामक एक उग्रवादी समूह के नेता ने बताया कि उन्होंने म्यांमार में पहली बार स्टारलिंक का इस्तेमाल किया लेकिन बाद में पता चला कि यह मणिपुर में भी काम करता है. इसके अलावा मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक शादी समारोह के दौरान एक निवासी ने स्टारलिंक डिवाइस देखा. इंटरनेट बंदी के दौरान भी उनका फोन उस डिवाइस के जरिए इंटरनेट से जुड़ गया था. हालांकि यह साफ नहीं है कि कितने उग्रवादी समूह स्टारलिंक का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कुकी और मेइती गुटों के कम से कम चार ग्रुपों ने इस तकनीक का इस्तेमाल करने से इनकार किया है.
मणिपुर में मई 2023 से बहुसंख्यक मेइती और अल्पसंख्यक कुकी समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष जारी है. इस संघर्ष में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य दो विरोधी गुटों में बंट गया है. सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए इंटरनेट सर्विस को बार-बार बंद किया है, जो कई हफ्तों या महीनों तक जारी रहता है. सुरक्षा सूत्रों और उग्रवादी समूहों के मुताबिक स्टारलिंक की मदद से लोग इंटरनेट से जुड़े रहते हैं, भले ही सरकार ने सेवाएं बंद कर दी हों.
एलन मस्क भारत में स्टारलिंक सर्विस शुरू करने में रुचि रखते हैं लेकिन अभी तक कंपनी को जरूरी मंजूरी नहीं मिली है. भारतीय सरकार को इस सेवा के सुरक्षा जोखिमों को लेकर चिंता है, खासकर इसकी इंटरनेट बंदी को बायपास करने की क्षमता की वजह से यह सर्विस भारत में शुरू नहीं हो पाई है.
यह पहली बार नहीं है जब भारत में स्टारलिंक का इस्तेमाल देखा गया हो. दिसंबर 2023 में भारतीय तटरक्षक बल ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास एक नाव से स्टारलिंक डिवाइस बरामद किया था. यह नाव $3.73 बिलियन मूल्य के मेथामफेटामिन की तस्करी में शामिल थी और इंटरनेट और नेविगेशन के लिए स्टारलिंक का इस्तेमाल कर रही थी.