Pm Modi Speech at G20: ब्राजील में हो रहे जी 20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए, सबसे पहले उनके निदान को जरूरी बताया. इस दौरान उन्होंने भारत की सफलता का मंत्र भी बताया.
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G20 Summit 2024 PM Modi Speech: जी20 सम्मेलन को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ‘ग्लोबल साउथ’ के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं और जी-20 को इसे दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. ये इस समय की बड़ी चुनौतियां हैं. जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन अपने संबोधन में मोदी ने पिछले वर्ष नयी दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन में लिये गए ‘‘जन-केंद्रित निर्णयों’’ को ब्राजील की अध्यक्षता में समूह द्वारा आगे बढ़ाने की सराहना की. मोदी ने कहा कि भारत में पिछले साल आयोजित जी-20 का विषय ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’’ इस शिखर सम्मेलन में भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना कि पिछले वर्ष था.
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पीएम मोदी ने की ब्राजील की सराहना
रियो डी जेनेरियो के आधुनिक कला संग्रहालय में दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किअर स्टॉर्मर समेत अन्य नेताओं ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में लिये गए जन-केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है. मोदी ने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहूंगा कि वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ‘ग्लोबल साउथ’ के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारी चर्चा तभी सफल हो सकती है जब हम ‘ग्लोबल साउथ’ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखें. ’’ ‘ग्लोबल साउथ’ का आशय कमजोर या विकासशील देशों से है.
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गरीबी-भुखमरी से लड़ने के लिए बनेगा वैश्विक संगठन
प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी जी-20 के ‘सामाजिक समावेशन और भुखमरी तथा गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ विषय पर आयोजित सत्र में की. पहले दिन का मुख्य आकर्षण गरीबी और भुखमरी से लड़ने के लिए एक वैश्विक गठबंधन का आरंभ रहा, जिसे कम से कम 80 देशों का समर्थन प्राप्त है. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस पहल को ‘‘सराहनीय’’ बताया और कहा कि यह दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और कमज़ोर समुदायों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत इस प्रयास को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन देता है.’’ सत्र में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘बैक टू बेसिक्स’ और ‘मार्च टू फ्यूचर’ के दृष्टिकोण में विश्वास करता है, इसीलिए वह जैविक खेती पर जोर दे रहा है, मोटे अनाजों को लोकप्रिय बना रहा है तथा जलवायु अनुकूल फसल किस्मों को प्रोत्साहित कर रहा है.
वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी
मोदी ने अपने संबोधन में वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह हमने नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता देकर ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को बुलंद किया, उसी तरह हम वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार करेंगे. ’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नयी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में लिये गए जन-केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत संतोष की बात है कि हमने एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) को प्राथमिकता दी. हमने समावेशी विकास, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और युवा शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया और ‘ग्लोबल साउथ’ की आशाओं और आकांक्षाओं को पंख दिए. ’’
PM Modi said, "...We support Brazil’s initiative for a "Global Alliance against hunger and poverty”. This is an important step towards the implementation of the Deccan High level principles for Food security, adopted at the New Delhi Summit."
— ANI (@ANI) November 18, 2024
भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य (विषय) इस शिखर सम्मेलन में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि पिछले साल था. ’’ भुखमरी और गरीबी से निपटने के लिए भारत की पहल के बारे में बोलते हुए, मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित कर रहा है. प्रधानमंत्री ने अफ्रीका और अन्य जगहों पर खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला. मोदी ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है. ’’ सत्र के विषय के अनुरूप, मोदी ने भुखमरी और गरीबी से निपटने में भारत की सफलता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘अस्सी करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जा रहा है, 55 करोड़ लोग दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. ’’
खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण पर किया काम
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब 70 वर्ष से अधिक आयु के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिक भी मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकेंगे. ’’ प्रधानमंत्री ने भारत की फसल बीमा योजना के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ से अधिक किसानों को 20 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ मिला है. ’’ मोदी ने कहा कि भारत न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पोषण पर भी ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न देशों को खाद्य सामग्री भेजकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल प्राकृतिक खेती और जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि नयी प्रौद्योगिकियों पर भी ध्यान केंद्रित किया है. हमने श्री अन्न या मोटे अनाज को बढ़ावा देकर टिकाऊ कृषि, पर्यावरण संरक्षण, पोषण और खाद्य सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है. ’’
किया डिजिटल कृषि मिशन का जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने फसल की 2000 से अधिक जलवायु-अनुकूल किस्में विकसित की हैं और 'डिजिटल कृषि मिशन' शुरू किया है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने सामाजिक और वित्तीय समावेशन को सक्षम बनाया है. आकांक्षी जिलों और प्रखंडों की परियोजना के साथ, हमने समावेशी विकास के लिए एक नया मॉडल बनाया है, जो सबसे कमजोर कड़ी को मजबूत करता है. ’’(भाषा)