4 पत्थरों से शुरू होकर हवाई अड्डे के पास एक एकड़ में फैल गई दरगाह, प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर किया जमींदोज
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4 पत्थरों से शुरू होकर हवाई अड्डे के पास एक एकड़ में फैल गई दरगाह, प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर किया जमींदोज

नवी मुंबई में गुरुवार को सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (CIDCO) ने एक दरगाह को जमींदोज कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि यह दरगाह अवैध रूप से बनी हुई थी और पिछले कई वर्षों से अवैध तौर पर यहां निर्माण भी जारी था. 

4 पत्थरों से शुरू होकर हवाई अड्डे के पास एक एकड़ में फैल गई दरगाह, प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर किया जमींदोज

Dargah Demolished in Navi Mumbai: नवीं मुंबई में गुरुवार को एक दरगाह को गिरा दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह दरगाह अनधिकृत जगह पर बनी हुई है, जिस वजह से इसको गिरा दिया गया है. यह दरगाह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बनी थी. यह जानकारी सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (CIDCO) के अधिकारी ने दी है. अधिकारी ने बताया कि यह दरगाह राज्य योजना प्राधिकरण, सिडको की जमीन पर बनी थी और 2011 से इसमें कई बार अवैध निर्माण हुए हैं. 

क्या बोले सिडको अधिकारी?

सिडको अधिकारी ने बताया,'हमने जांच शुरू की और दरगाह के मुतवल्ली (ट्रस्टी) उसके स्वामित्व के लिए वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके. सभी निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद अदालत के आदेश पर ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया.'

हिंदू संगठन ने उठाई मांग

हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के समन्वयक सुनील घनवट ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह दरगाह के खिलाफ किए गए उनके अभियान की जीत है. घनवट ने दावा किया,'यह लंबे समय से प्रतीक्षित कार्रवाई समिति की कड़ी मेहनत का नतीजा है, जो संवेदनशील और सांस्कृतिक रूप से अहम इलाकों में कब्जे व अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार मुहिम चला रही है. अवैध दरगाह हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्र के लिए सुरक्षा खतरा पैदा करती है.' 

'4 पत्थरों से हुई थी शुरुआत'

इससे पहले हिंदू जनजागृति की तरफ से पिछले साल मार्च महीने में सिडको को खत लिखकर इस दरगाह को गिराने की भी मांग की गई थी. शहर में इस तरह की जगहों को लेकर समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने सिडको के अफसरों के साथ मीटिंग भी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि 4 पत्थरों से शुरू होकर यह दरगाह अब तकरीबन 1 एकड़ में फैली हुई है. उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत सिर्फ चार पत्थरों से हुई थी, बाद में इसमें परिसर, गुंबद, पानी के फव्वारे, ठहरने की जगह आदि का विस्तार किया गया.

(इनपुट-आईएएनएस)

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