जिंपी-जिंपी पौधे के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इसे घर में नहीं लाना चाहिए. यह पौधा आपके मन में आत्महत्या का ख्याल पैदा कर सकता है. इस पौधे के कारण कई आत्महत्या कर चुके हैं. यही कारण हैं कि इसे 'सुसाइड प्लांट' भी कहा जाता है.
जिंप-जिंपी पौधे को छूना मनहूसियत को बुलावा देने जैसा है. इसके पत्तों पर मौजूद डंक जैसे तत्व गर्म एसिड की जलन और करंट के झटके जैसा महसूस कराते हैं. अगर ये इंसान के शरीर के किसी भी पार्ट में प्रवेश कर जाए तो इसे निकालना बेहद मुश्किल है. कई महीनों तक यह तड़पाता रहेगा. इससे एलर्जी के साथ एनाफिलेक्टिक सदमे का खतरा भी है.
जिंपी-जिंपी पौधा अगर एक बार त्वचा में घुस जाए तो ये एक साल तक परेशान करता रहेगा. कुछ मामलों में यह देखा गया है कि इससे पीड़ित लोग परेशान होकर बेबसी में आत्महत्या कर लेते हैं.
जिंपी-जिंपी को 'ऑस्ट्रेलियाई स्टिंगिंग ट्री' के रूप में भी जाना जाता है और यह दुनिया का सबसे जहरीला पौधा है. डेली मेल की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक व्यक्ति ने इस पत्ते को टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल कर लिया. जिसके बाद उसकी हालत खराब से भी खराब होती चली गई. जब उससे दर्द और तड़प नहीं सही गई तो उसने आत्महत्या कर ली.
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के डेनियल एमलिन-जोन्स ने अपनी बोरियत को कम करने के लिए घर में जिंपी-जिंपी पौधा लगा लिया. उन्होंने बताया कि वे जिंपी-जिंपी पौधे को बहुत सतर्क रहकर विकसित कर रहे हैं. इतना ही नहीं जिस जार में उन्होंने इस पौधे को रखा है.. उसपर खतरे का निशान भी बना दिया है.
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