ऐसी स्थिति में ज्यादातर लोग कम पैसे में अच्छी जगह को वरीयता देंगे. लेकिन एक ऐसा शहर है जहां इस स्थिति में रहकर लोग अपना जीवन बिता रहे हैं. यहां बात हो रही है रूस के नॉरिल्स्क शहर की. इस शहर को दुनिया की 'मोस्ट डिप्रेसिंग सिटी' यानी सबसे उदास शहर कहा जाता है.
नॉरिल्स्क रूस का सबसे उत्तरी शहर है. यह साइबेरिया, पूर्वी रूस के क्रास्नोयार्स्क क्राय क्षेत्र में स्थित है. वहां की स्थिति इतनी खराब है कि वहां एक सड़क भी नहीं जाती है.
शहर से आने-जाने के लिए केवल एक फ्रेट लाइन चलती है. यह शहर हवाई मार्ग से भी जुड़ा हुआ है, लेकिन बहुत कम ही लोग इस शहर में जाने की हिम्मत जुटाते हैं.
अति-कठिन परिस्थितियों के बावजूद शहर लगभग 170,000 लोगों का घर है. नॉरिल्स्क में अधिकांश लोगों की औसत मासिक आय 986 अमेरिकी डॉलर है. यह रूसियों की औसत मासिक आय (739 अमेरिकी डॉलर) से बहुत अधिक है.
यह शहर पृथ्वी पर निकेल-कॉपर-पैलेडियम के सबसे बड़े भंडार के पास स्थित है. इन खनिजों के निष्कर्षण से ही यह शहर अपना पैसा कमाता है. शहर के अधिकांश लोग नॉरिल्स्क निकेल के लिए काम करते हैं.
प्रदूषण के कारण नॉरिल्स्क में बहने वाली डल्डिकेन नदी का रंग गहरा लाल हो चुका है. नदी में बहने वाले पानी का रंग पहले भी अजीब था. धीरे-धीरे यह गहरा लाल होता चला गया. जांच हुई तो सामने आया कि बड़े-बड़े कारखानों के कारण नदी के पानी का रंग लाल हो गया.
निकल प्लांट से 20 लाख टन से ज्यादा जहरीली गैसें निकलती हैं. इसका परिणाम केमिकल बारिश और प्रदूषित जल निकायों में होता है. इसका निवासियों के जीवन पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इतना अधिक कि नॉरिल्स्क में एक व्यक्ति की औसत जीवन प्रत्याशा 59 वर्ष है, जबकि राष्ट्रीय औसत 69 वर्ष है.
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