China: चीन का ऊंचाई वाला कमाल.. ड्रैगन की तकनीकी ताकत में इजाफा, हैरान कर देगी ये रिपोर्ट
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China: चीन का ऊंचाई वाला कमाल.. ड्रैगन की तकनीकी ताकत में इजाफा, हैरान कर देगी ये रिपोर्ट

China News: चीन ने एक बार फिर दुनिया को अपनी तकनीकी ताकत का एहसास कराया है. समुद्र सतह से दुनिया का सबसे ऊंचा फोटोवोल्टिक पावर स्टेशन ‘थ्साईफंग क्वांगछू पावर स्टोरेज स्टेशन’ के दूसरे चरण को 14 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर चालू कर दिया गया.

China: चीन का ऊंचाई वाला कमाल.. ड्रैगन की तकनीकी ताकत में इजाफा, हैरान कर देगी ये रिपोर्ट

China News: चीन ने एक बार फिर दुनिया को अपनी तकनीकी ताकत का एहसास कराया है. समुद्र सतह से दुनिया का सबसे ऊंचा फोटोवोल्टिक पावर स्टेशन ‘थ्साईफंग क्वांगछू पावर स्टोरेज स्टेशन’ के दूसरे चरण को 14 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर चालू कर दिया गया. यह पावर स्टेशन समुद्र तल से 5,228 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो कि पहले चरण की तुलना में और भी ऊंचा है.

दूसरे चरण की विशेषताएं

थ्साईफंग क्वांगछू पावर स्टेशन का दूसरा चरण चीन के शीत्सांग प्रांत के शान्नान शहर के नाईतोंग जिले में स्थित है. इस चरण की ऊंचाई 5,046 मीटर से 5,228 मीटर के बीच है. यह ऊंचाई एक नया रिकॉर्ड स्थापित करती है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सौर ऊर्जा स्टेशन बन गया है. इस परियोजना की कुल क्षमता 1,00,000 किलोवाट है और इसके चालू होने के बाद हर साल करीब 15.5 करोड़ किलोवाट-घंटे बिजली का उत्पादन होगा. यह उत्पादन लगभग 50 हजार घरों की सालाना बिजली जरूरत को पूरा कर सकता है.

ऊर्जा भंडारण की अनोखी व्यवस्था

इस पावर स्टेशन की एक खासियत इसका उन्नत ऊर्जा भंडारण सिस्टम है. इसमें कुल 16 ऊर्जा भंडारण बैटरी गोदाम बनाए गए हैं, जो 80 हजार किलोवाट-घंटे की विद्युत ऊर्जा को स्टोर कर सकते हैं. यह व्यवस्था रात के समय और बिजली खपत के चरम समय में ग्रिड को ऊर्जा सप्लाई करने में सक्षम है.

पर्यावरण को मिलेगा बड़ा फायदा

थ्साईफंग क्वांगछू पावर स्टेशन सिर्फ बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस परियोजना के जरिए हर साल 46,700 टन कोयले की बचत होगी. 1,01,800 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी. इससे न सिर्फ चीन के ऊर्जा क्षेत्र में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

पहले चरण की सफलता और नए रिकॉर्ड

गौरतलब है कि इस पावर स्टेशन का पहला चरण साल 2023 के अंत में चालू किया गया था. अब दूसरे चरण के सफल संचालन ने चीन के फोटोवोल्टिक प्रोजेक्ट्स को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. यह परियोजना बेहद कठिन परिस्थितियों में स्थापित की गई है, जहां.. उच्च तापमान, ऑक्सीजन की कमी, बर्फबारी और बर्फीली बारिश जैसी चुनौतियां मौजूद हैं. इन मुश्किल हालातों में भी चीनी तकनीक और उपकरणों ने अपनी विश्वसनीयता साबित की है.

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऊर्जा विकास की नई शुरुआत

थ्साईफंग क्वांगछू पावर स्टेशन का दूसरा चरण चीन के अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सौर ऊर्जा संसाधनों के विकास की दिशा में एक नया कदम है. यह परियोजना दिखाती है कि कैसे तकनीकी प्रगति के जरिए कठिन इलाकों में भी ऊर्जा उत्पादन संभव हो सकता है.समुद्र तल से 5,228 मीटर की ऊंचाई पर स्थित थ्साईफंग क्वांगछू पावर स्टेशन सिर्फ चीन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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