Nuclear Fusion Energy: वैज्ञानिकों ने नाभिकीय संलयन के जरिए 0.2 मिलीग्राम ईंधन से 69 मेगाजूल ऊर्जा पैदा की है. यह न्यूक्लियर फ्यूजन में के जरिए प्राप्त ऊर्जा का नया रिकॉर्ड है.
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Nuclear Fusion Energy Record: साफ-सुथरी ऊर्जा का सपना जल्द साकार हो सकता है. वैज्ञानिकों ने नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) के जरिए रिकॉर्ड मात्रा में ऊर्जा पैदा की है. गुरुवार को ब्रिटेन के ऑक्सफर्ड शहर में वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग को अंजाम दिया. जॉइंट यूरोपियन टॉरस (JET) नाम की मशीन में, सिर्फ 0.2 मिलीग्राम ईंधन के इस्तेमाल से पांच सेकेंड के लिए 69 मेगाजूल निकली. इतनी बिजली से लगभग 12,000 घरों को 5 सेकंड तक रोशन किया जा सकता है. इतनी ऊर्जा पैदा करने के लिए वैज्ञानिकों ने JET मशीन को 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया. यह तापमान सूर्य की कोर से करीब 10 गुना ज्यादा है. न्यूक्लियर फ्यूजन से पैदा की जाने वाली ऊर्जा का यह नया रिकॉर्ड है. 2022 में वैज्ञानिकों ने ऐसे ही प्रयोग में 10 मेगाजूल ऊर्जा पैदा की थी.
वैज्ञानिकों ने कैसे किया यह प्रयोग
वैज्ञानिकों ने JET मशीन जिसे टोकामक भी कहते हैं, में हाइड्रोजन के दो वैरिएंट्स- ड्यूटेरियम और टाइट्रियम डाले. इसके बाद मशीन के तापमान को 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाया गया. इतनी ज्यादा गर्मी ड्यूटेरियम और ट्रिटियम को एक साथ जुड़ने और हीलियम बनाने के लिए मजबूर करती है. इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप भारी मात्रा में गर्मी निकलती है. टोकामक में मजबूत चुंबक लगे हैं जो प्लाज्मा को अंदर रखते हैं. फिर गर्मी का इस्तेमाल बिजली का उत्पादन करने के लिए किया जाता है.
BREAKING NEWS - New #FusionWorldRecord!
Joint European Torus (JET), one of the world’s largest & most powerful fusion machines, demonstrated the ability to reliably generate fusion energy, whilst simultaneously setting world-record in energy output. https://t.co/eVRlJQ0THa pic.twitter.com/erAMBPOJGp
— UK Atomic Energy Authority (@UKAEAofficial) February 8, 2024
Nuclear Fusion: नाभिकीय संलयन क्या है?
नाभिकीय संलयन वह प्रक्रिया है जिससे सूर्य या उसके जैसे अन्य तारों को ऊर्जा मिलती है. इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के अनुसार, 'न्यूक्लियर फ्यूजन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा दो हल्के परमाणु नाभिक मिलकर भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हुए एक भारी परमाणु बनाते हैं.' ऐसे रिएक्शन प्लाज्मा के भीतर होते हैं. हमारे सूर्य में संलयन के लिए, नाभिकों को बेहद उच्च तापमान (लगभग दस मिलियन डिग्री सेल्सियस) पर एक दूसरे से टकराने की जरूरत होती है.
'न्यूक्लियर फिशन में है भविष्य'
वैज्ञानिक नाभिकीय संलयन या न्यूक्लियर फ्यूजन को भविष्य के एनर्जी सोर्स की तरह देखते हैं. अगर पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर न्यूक्लियर फ्यूजन किया जा सके तो दुनिया के लिए साफ, सुरक्षित और किफायती ऊर्जा का इंतजाम हो सकता है.
फिशन (न्यूक्लियर पावर प्लांट्स में यूज होने वाले) की तुलना में फ्यूजन से प्रति किलोग्राम ईंधन से चार गुना ज्यादा ऊर्जा पैदा की जा सकती है. इससे तेल या कोयला जलाने की तुलना में लगभग 40 लाख गुना अधिक ऊर्जा मिल सकती है.