Mohammed Deif: इजरायल पर भीषण हमले का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि हमास की मिलिट्री विंग का चीफ मोहम्मद दाइफ है. ये वही मोहम्मद दाइफ जिसे इजरायल ने मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित किया हुआ है. इतना ही नहीं मोहम्मद दाइफ को दूसरा ओसामा बिन लादेन भी कहा जाता है.
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Israel Palestine Conflict: हमास की तरफ से इजरायल पर किए गए औचक हमले के बाद पूरी दुनिया हैरान रह गई और इजरायल-फिलिस्तीन का नासूर एक बार फिर सामने आ गया. हमास द्वारा किया गया भीषण हमला इजरायल को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा गया. बताया जा रहा है कि इजरायल के एक हजार से भी ज्याद लोग मारे जा चुके हैं. इसी बीच एक ऐसे शख्स की चर्चा हो रही है जो इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. इस हमले का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि हमास की मिलिट्री विंग का चीफ मोहम्मद दाइफ है. ये वही मोहम्मद दाइफ जिसे इजरायल ने मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित किया हुआ है. आइए इसके बारे में जान लेते हैं.
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोहम्मद दाइफ को दूसरा ओसामा बिन लादेन भी कहा जाता है. मोहम्मद दाइफ हमास की मिलिट्री विंग ‘कास्सम ब्रिगेड’ का चीफ है और पिछले 21 सालों से इसकी अगुवाई कर रहा है. याह्या अयाश की मौत के बाद हमास ने दाइफ को यह जिम्मेदारी दी थी. हमास के लिए बम बनाने वाले अयाश को ही दाइफ अपना गुरु मानता था. इजरायल का मानना है कि हमास हमले को मोहम्मद दाइफ के इशारे पर अंजाम दिया गया है. इतना ही नहीं इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने 58 साल के मोहम्मद दाइफ को मारने की 7 बार कोशिश की लेकिन वह हर बार नाकाम रही है.
मोहम्मद दाइफ को कई दशक से मोसाद तलाश रही है लेकिन हर बार वह बच निकलता है. मोहम्मद दाइफ के बारे में यह भी दावा किया जाता है कि उसके दोनों हाथ और पैर नहीं हैं, उसकी केवल एक आंख है. वह व्हील चेयर पर ही रहता है, लेकिन उसकी हाल फिलहाल की कोई तस्वीर नहीं है. इजरायल के एक एयर स्ट्राइक में वह अपनी एक आंख, एक हाथ और एक पैर गवां चुका है. लगातार 3 दशक से मोहम्मद दाइफ इजरायल में आतंक फैला रहा है. यह भी बताया जा रहा है कि इजरायल पर हुए हमले को मोहम्मद दाइफ ने बदला बताया है और कहा है कि यह गाजा को 16 साल तक दुनिया से काटने का बदला है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद दाइफ का जन्म 1960 के दशक में गाजा पट्टी के खान यूनिस रिफ्यूजी कैंप में हुआ था. उसका पूरा नाम मोहम्मद दाइफ इब्राहिम अल-माजरी है. मुताबिक दाइफ जब गाजा यूनिवर्सिटी में पढ़ता था तभी हमास के करीब आया. इसी वक्त तमाम फिलिस्तीन नौजवान इजरायल के खिलाफ जंग में कूद रहे थे. वह शुरुआती सालों में जेल भी गया लेकिन इसके बाद फिर कभी पकड़ में नहीं आया. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक दाइफ गाजा में बनी भूमिगत सुरंगों के नेटवर्क में ही हमेशा रहता है. इन्हीं सुरंगों की वजह से मोहम्मद दाइफ हर बार मोसाद के हाथों बच जाता है.
दाइफ अपना ठिकाना भी बदलता रहता है और कभी भी एक जगह नहीं टिकता है. दाइफ अक्सर अपने हमास के लड़ाकुओं को रिकार्डेड मैसेज देता है कि कब्जा करने वालों को बाहर करो और दीवार को गिरा दो. उसने दुनिया के अन्य देशों के अपने प्रशंसकों से अपील की है कि हमास में शामिल हों. साल 2002 में उसे अल कासम दस्ते का सरगना बनाया गया था. उसने लगातार इजरायल पर बड़े हमलों की धमकी दी थी. फिलहाल अब एक बार फिर वह इजरायल के लिए काल बनकर उभरा है.